24 करोड़ ठगी करने वाला अंतर्राष्ट्रीय 'डिजिटल अरेस्ट' गिरोह मुजफ्फरनगर पुलिस के हत्थे चढ़ा: मास्टरमाइंड राजू समेत तीन अपराधी गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। मुजफ्फरनगर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने 'डिजिटल अरेस्ट' की धमकी देकर पीडब्ल्यूडी के एक सेवानिवृत्त अभियंता से 33 लाख 33 हजार रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के मास्टरमाइंड राजू समेत तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, बरामद बैंक खातों की जांच से खुलासा हुआ है कि यह गैंग अब तक 24 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुका है।

यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया जब 11 सितंबर 2025 को पीड़ित अभियंता ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित ने बताया कि उन्हें अज्ञात नंबरों से कॉल आया, जिसमें कॉल करने वालों ने खुद को ट्राई, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) का अधिकारी बताया। आरोपियों ने फर्जी तरीके से पीड़ित के केनरा बैंक खाते में अवैध लेनदेन का आरोप लगाया और दिल्ली के दरियागंज थाने में मुकदमा दर्ज होने की धमकी दी।
ठगों ने पीड़ित को धमकाते हुए कहा कि जाँच पूरी होने तक उसे 'डिजिटल अरेस्ट' किया जाता है। इसके बाद, दरियागंज पुलिस, सीबीआई और यहाँ तक कि न्यायलय के लोगो वाले फर्जी व्हाट्सएप नंबरों से कॉल की गई। एक व्यक्ति ने खुद को जज बताकर पीड़ित को धमकाया और एक कूटरचित डिजिटल गिरफ्तारी पत्र PDF के रूप में भेजकर भयभीत किया। इस प्रकार, मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी केस में फंसाने का डर दिखाकर गिरोह ने पीड़ित से लाखों रुपये हड़प लिए।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में कार्रवाई
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के निर्देशन और साइबर क्राइम थाना प्रभारी सुल्तान सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने इस गिरोह के नेटवर्क पर काम शुरू किया। इस प्रकरण में विशेष बात यह रही कि मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत समस्त तकनीकी कार्यवाही थाने पर नियुक्त महिला पुलिस टीम द्वारा की गई।
अमृतसर से हुई गिरफ्तारी, मास्टरमाइंड का खुलासा
पुलिस टीम ने गिरोह के नेटवर्क की गहन जाँच करते हुए 11 अक्टूबर 2025 को तीन और सदस्यों को अमृतसर, पंजाब से गिरफ्तार किया। इससे पहले, 18 और 25 सितंबर को भी इस गिरोह के कुछ सदस्यों को सूरत से गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान:
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राजू पुत्र दीपक कुमार (निवासी भिलाई, छत्तीसगढ़) - गैंग का सरगना
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संदीप सिंह उर्फ सुन्नी पुत्र लखविंदर सिंह (निवासी अमृतसर, पंजाब)
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अमन सिन्हा पुत्र अशोक सिन्हा (निवासी बालोद, छत्तीसगढ़)
विदेशी कनेक्शन और 24 करोड़ का फ्रॉड
पूछताछ में सरगना राजू ने बताया कि वह ऋषिकेश में रहता है और छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व झारखंड से भोले-भाले लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते, एटीएम और सिम कार्ड हासिल करता था। ये गैंग विदेशों में बैठे साइबर ठगों के साथ मिलकर ठगी का पैसा इन खातों में डलवाता था। गिरोह के सदस्य इस रकम को एटीएम या चेक से निकालकर अपनी कमीशन लेते थे और बाकी रकम की यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) खरीदकर विदेशी ठगों को भेज देते थे।
पुलिस द्वारा बरामद बैंक खातों की जाँच 'श्समन्वय पोर्टल' पर किए जाने पर 24 करोड़ रुपये की ठगी से जुड़ी 16 शिकायतें सामने आई हैं।
भारी मात्रा में सामान बरामद
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में उपकरण बरामद किए हैं, जिनमें छह मोबाइल फोन, छह बैंक पासबुक, 21 डेबिट कार्ड, 14 सिम कार्ड आदि शामिल हैं। गिरफ्तार करने वाली टीम में निरीक्षक सुल्तान सिंह, इन्द्रजीत सिंह, उपनिरिक्षक गौरव चौहान, धर्मराज सिंह, मुबारिक हसन और हैडकांस्टेबल अवधेश कुमार शामिल रहे।
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