कार्तिक पूर्णिमा 2025: श्रद्धा का सैलाब उमड़ा यूपी में | गंगा घाटों पर भारी भीड़ | गुरु नानक जयंती की धूम
वाराणसी। धर्मनगरी वाराणसी में गंगा घाटों पर सुबह से ही पैर रखने की जगह नहीं थी। अस्सी घाट से लेकर राजघाट तक केवल श्रद्धालु ही श्रद्धालु दिखाई दिए। पवित्र कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
पौराणिक मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी आस्था के साथ दूर-दराज से आए लाखों लोगों ने मोक्षदायिनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। घाटों पर हर तरफ “हर हर गंगे” और “जय गंगा मइया” के जयकारों से वातावरण गूंज उठा, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण सड़कों पर भीषण जाम की स्थिति बन गई। पुलिस प्रशासन ने यातायात को सुचारू रखने के लिए विशेष डायवर्जन व्यवस्था लागू की, ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
दूसरी ओर, सिख समुदाय के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी की जयंती (प्रकाश पर्व) भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। आगरा के प्रसिद्ध गुरुद्वारा गुरु का ताल में आज भव्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
सुबह से ही संगत (श्रद्धालुओं) की भीड़ उमड़ पड़ी है। गुरुद्वारे में कीर्तन, अरदास (प्रार्थना) और लंगर का पवित्र सिलसिला पूरे दिन चलेगा। गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया गया है। गुरुनानक देव जी की शिक्षाओं को याद किया जा रहा है, जिन्होंने 'एक ओंकार' और मानव सेवा का संदेश दिया।
आज का दिन सचमुच भक्ति और एकता का संगम बन गया। गंगा की लहरों पर तैरते दीप (देव दीपावली), घाटों पर झिलमिलाती रोशनी और गुरुद्वारों में गूंजते 'शब्द' ने मिलकर भारतीय आध्यात्मिक सुंदरता को और गहरा बना दिया है। कार्तिक पूर्णिमा और गुरुनानक जयंती, दोनों पर्वों ने पूरे उत्तर प्रदेश को प्रकाश और आस्था से रोशन कर दिया है।
