मेरठ नगर निगम भर्ती घोटाला: हाईकोर्ट ने एसएसपी और सीबीसीआईडी एसपी से रिपोर्ट तलब की, अवमानना की कार्रवाई शुरू
मेरठ। नगर निगम में फर्जीवाड़ा कर 23 कर्मचारियों की नियुक्ति करने के मामले में हाईकोर्ट इलाहाबाद ने एसएसपी और सीबीसीआईडी एसपी से रिपोर्ट तलब की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि रिपोर्ट 30 दिन के भीतर दाखिल करें। हाईकोर्ट ने एसएसपी मेरठ और एसपी सीबीसीआईडी आगरा के खिलाफ अवमानना
की कार्रवाई शुरू की है।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि 2019 में नगर निगम में कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। इसकी शिकायत पर 2020 में जांच शुरू हो गई थी। मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी। इंस्पेक्टर नागेंद्र प्रताप सिंह की तहरीर पर थाना देहलीगेट ने चार केस दर्ज हुए हैं। पहला केस निगम के कर्मचारियों और दूसरा केस नियुक्ति करने वाले निगम के अधिकारी के खिलाफ हुआ है। अधिकारी का नाम अज्ञात में रखा गया है।
अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का है मामला
मामला अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने से जुड़ा है। नगर निगम के जिन 23 अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया गया, उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है नियुक्ति करने वाले अधिकारी पर शिकंजा कसा गया है। हालाकि अभी उसका नाम बताया गया। इसकी जांच भी जारी है। फर्जी नियुक्ति मामले की जांच पूर्व में शासन के आदेश पर तत्कालीन मंडलायुक्त से लेकर जिलाधिकारी तक करवा चुके हैं। जिन कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है, उनमें से दो का निधन हो चुका है।
पूर्व की जांचों में 23 कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध ही नहीं माना बल्कि उनसे सैलेरी की रिकवरी के भी आदेश दिए जा चुके हैं। हाईकोर्ट ने नगर निगम के आयुक्त और अपर नगर आयुक्त के अलावा एसएसपी को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए थे। लेकिन निगम प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले में नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने कहा कि मामला पुराना है इस संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है।
