मेरठ में सेंट्रल मार्केट की 90 दुकानों का ध्वस्तीकरण रुका, सांसद अरुण गोविल ने CM योगी से बात कर धरना खत्म कराया
मेरठ। मेरठ के सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्प्लेक्स की 22 दुकानें ढहाए जाने के बाद, आवास और विकास परिषद द्वारा शेष 90 दुकानों को खाली कराने के फैसले के विरोध में पिछले चार दिनों से चल रहा कारोबारियों का अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को समाप्त हो गया। सांसद अरुण गोविल की पहल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले आश्वासन के बाद व्यापारियों ने धरना खत्म कर बाजार खोल दिया।
5 बिंदुओं पर बनी सहमति और मिला आश्वासन
सांसद अरुण गोविल ने घोषणा की कि व्यापारियों को राहत देने के लिए निम्नलिखित 5 मुख्य बिंदुओं पर सहमति बनी है, जिसके बाद उन्होंने दुकान का शटर उठाकर बाजार खुलवाया:
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ध्वस्तीकरण पर रोक: सेंट्रल मार्केट की शेष 90 दुकानों को अब नहीं तोड़ा जाएगा।
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मास्टर प्लान संशोधन: बाजार को मास्टर प्लान संशोधन के माध्यम से 'बाजार स्ट्रीट' का दर्जा दिया जाएगा।
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पुनर्वास/अस्थाई दुकान: ध्वस्त कॉम्प्लेक्स में जिनकी दुकान थी, उन्हें वहीं अस्थाई दुकान लगाने की अनुमति आवास एवं विकास परिषद देगा।
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स्वामित्व कार्यवाही: भूखंड 661/6 के स्वामित्व, दाखिल खारिज और नए मानचित्र की स्वीकृति पर परिषद प्राथमिकता से कार्रवाई करेगा।
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अस्थाई पट्टे: नगर निगम द्वारा शास्त्री नगर योजना के अंतर्गत ध्वस्तीकरण से प्रभावित व्यापारियों को मूल स्थान पर नवनिर्माण होने तक अस्थाई रूप से पट्टे पर दुकान दी जाएगी।
सांसद ने सीएम को सौंपा था लिखित अनुरोध
सांसद अरुण गोविल ने बताया कि उन्होंने लखनऊ में मुख्यमंत्री से भेंट कर एक लिखित अनुरोध पत्र सौंपा था। इसमें ध्वस्त हुई 22 दुकानों के मालिकों के लिए पुनर्वास, पुनर्स्थापन और अल्पकालिक आर्थिक सहायता की मांग की गई थी। सांसद ने इसे केवल कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि गंभीर मानवीय संकट बताया था, क्योंकि ये दुकानें 30-35 साल से कई परिवारों की जीविका थीं।
इससे पहले, सोमवार को महिलाओं ने सरकार के खिलाफ 'तानाशाही नहीं चलेगी' और 'भाजपा मुर्दाबाद' जैसे नारों के साथ विरोध प्रदर्शन किया था और पैदल मार्च निकाला था। व्यापारियों ने सांसद के न्याय के भरोसे के बाद धरना खत्म कर दिया।
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