12 राज्यों में हो रहे SIR पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, बीजेपी बोली, ये है बेहद जरूरी
नई दिल्ली: चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर (SIR - Systemic Improvement of Representation) की शुरुआत किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस (Congress) के बीच शब्दों का युद्ध छिड़ गया है। कांग्रेस इस पूरी प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठा रही है।
कांग्रेस के मुख्य आरोप
कांग्रेस ने एसआईआर के नए चरण पर तीखे सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से दो मुख्य बिंदुओं पर जवाब माँगा है:
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बिहार SIR के सवालों का जवाब: कांग्रेस ने पूछा है कि एसआईआर के पिछले चरण में, खासकर बिहार में, विपक्षी दलों ने जो गंभीर सवाल उठाए थे और आपत्तियाँ दर्ज कराई थीं, चुनाव आयोग ने उन सवालों के जवाब क्यों नहीं दिए?
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संविधान बदलने की साठगांठ: कांग्रेस ने इस कदम को बीजेपी और चुनाव आयोग की साठगांठ बताया है। कांग्रेस का आरोप है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य संविधान को बदलने के लिए चुनावी नतीजों को प्रभावित करना है। यह आरोप बताता है कि कांग्रेस इस सुधार प्रक्रिया को एक बड़ी राजनीतिक साजिश के रूप में देख रही है।
बीजेपी का रुख
इस बीच, बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि एसआईआर एक पारदर्शी और आवश्यक सुधार है, जिसका उद्देश्य देश की मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाना है। बीजेपी के अनुसार, कांग्रेस अपने संभावित हार के डर से स्वतंत्र संवैधानिक संस्थाओं पर निराधार आरोप लगा रही है।
एसआईआर क्या है और विवाद क्यों?
एसआईआर (Systemic Improvement of Representation) एक चुनावी प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है, डुप्लीकेट नामों को हटाया जाता है, और चुनावी डेटा को व्यवस्थित किया जाता है। विपक्षी दलों का दावा है कि इस प्रक्रिया के नाम पर चुनिंदा क्षेत्रों में मतदाता सूचियों में छेड़छाड़ की जा सकती है, जो चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकती है।
चुनाव आयोग ने अभी तक कांग्रेस के इन ताजा आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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