मेरठ में हेमा मालिनी के उद्घाटन के 35 दिन बाद 'जैना ज्वेलर्स' को मिल गया नोटिस; 'सोने का महल' बना चर्चा का विषय
मेरठ। मेरठ के शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण की तलवार अभी थमी नहीं है। शनिवार और रविवार को 22 दुकानों वाले अवैध कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त किए जाने के बाद, अब प्रतिष्ठित 'जैना ज्वेलर्स' के नए शोरूम को आवास विकास परिषद (Awas Vikas Parishad) ने दूसरा नोटिस जारी किया है। इस शोरूम का उद्घाटन मात्र 35 दिन पहले 22 सितंबर को फिल्म अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने किया था।
'निज निवास' की आड़ में भव्य शोरूम
यह शोरूम, जो सेंट्रल मार्केट के पूरी तरह रेसिडेंशियल इलाके में बना है, अपनी बनावट के कारण चर्चा का विषय है। शोरूम संचालकों ने चालाकी से अपने सोने के महलनुमा बने इस शोरूम को 'घर' की तरह दिखाने की कोशिश की है:
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बाहरी दिखावट: बाहर बोर्ड पर 'निज निवास' लिखवाया गया है।
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नेम प्लेट: नेम प्लेट पर परिवार के सदस्यों के नाम ठीक उसी तरह लिखवाए गए हैं, जैसे आम घरों में लिखवाए जाते हैं।
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आवासीय व्यवस्था: शोरूम के पीछे रहने की जगह भी बनाई गई है, ताकि यह व्यावसायिक परिसर के बजाय मकान लगे।
हालांकि, यहाँ शोरूम खोलकर पूरी तरह व्यावसायिक गतिविधि चलाई जा रही है, जिसकी शानदार ओपनिंग भी हुई थी।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत, परिषद पर मिलीभगत का आरोप
परिषद की कार्रवाई मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर मिली एक शिकायत के बाद शुरू हुई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत से आवासीय प्लॉट पर इतना भव्य व्यावसायिक शोरूम खड़ा कर दिया गया।
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RTI एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने सीधे परिषद के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि सेंट्रल मार्केट में अन्य अवैध निर्माणों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
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स्थानीय व्यापारियों ने भी सवाल उठाया कि जब यह भव्य शोरूम बन रहा था, तब भी शिकायतें उठी थीं, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
नोटिस में क्या कहा गया?
परिषद ने अधिशासी अभियंता आफताब अहमद की ओर से जारी नोटिस में कहा है कि प्लॉट संख्या 259/6 का भू-उपयोग परिवर्तन कर व्यावसायिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं। इस संबंध में शोरूम संचालक से जवाब मांगा गया है।
परिषद के एसई राजीव कुमार ने कहा कि जैना ज्वेलर्स का नक्शा कंपाउंड हुआ था। अब जांच की जा रही है कि निर्माण अनुमोदित नक्शे के अनुसार है या नहीं। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और नोटिस की समयसीमा (15 दिन) पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
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