खेती और पशुपालन दोनों में बंपर मुनाफा कुल्थी की खेती से दाल में ₹20,000 चारे में ₹20,000 और खाद में हजारों की बचत

अगर आप खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं तो आपके लिए कुल्थी की खेती किसी वरदान से कम नहीं है। यह एक ऐसी फसल है जिससे आपको दाल अनाज हरी खाद और चारा सब कुछ एक साथ मिल जाता है। यानी एक ही जमीन से कई तरह की कमाई और बचत हो सकती है।
एक एकड़ में किसान को औसतन 5 से 8 क्विंटल तक सूखी कुल्थी मिल जाती है। अगर बाजार भाव 50 रुपए किलो भी मान लें तो आसानी से ₹20,000 तक की कमाई हो सकती है। वहीं दूसरी ओर इसके चारे का महत्व भी बहुत बड़ा है। एक एकड़ से करीब 200 से 300 क्विंटल तक हरा चारा मिल जाता है जो पशुओं के लिए बहुत पौष्टिक और लाभकारी होता है। अगर आप खुद पशुपालक हैं तो यह आपके लिए बड़े खर्चे की बचत है और अगर नहीं तो आप इसे बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
कुल्थी की खेती का एक और फायदा यह है कि यह मिट्टी को उपजाऊ बना देती है। जब इसे हरी खाद के रूप में खेत में मिलाया जाता है तो मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ जाती है जिससे अगली फसल में ज्यादा पैदावार होती है और खाद पर खर्चा भी बचता है। पांच एकड़ तक की खेती में करीब 7 से 8 हजार रुपए तक खाद का खर्चा आसानी से बच सकता है।
अगर खर्च की बात करें तो कुल्थी की खेती में 8 से 10 हजार रुपए तक का खर्च आता है और कहीं-कहीं यह 12 हजार तक भी पहुंच सकता है। लेकिन इसके मुकाबले जो मुनाफा मिलता है वह कहीं ज्यादा है। दाल और अनाज से लगभग ₹20,000 की कमाई चारे से करीब ₹20,000 की कमाई और हरी खाद से करीब ₹7,500 की बचत यानी कुल्थी एक ऐसी फसल है जो किसानों और पशुपालकों दोनों के लिए सोने पर सुहागा साबित होती है।
आप खेती में मुनाफा बढ़ाना चाहते हैं और पशुपालन का खर्च कम करना चाहते हैं तो कुल्थी की खेती आपके लिए सबसे बढ़िया विकल्प है। इससे जमीन उपजाऊ बनेगी दाल और अनाज से आय होगी पशुओं के लिए पौष्टिक चारा मिलेगा और खाद पर होने वाला खर्च भी बच जाएगा।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। खेती शुरू करने से पहले स्थानीय कृषि विशेषज्ञ या कृषि विभाग से सलाह जरूर लें।