अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिजली गुल होने से मची हलचल, बोले- सरकार आएगी तो विश्वकर्मा जयंती पर फिर होगी छुट्टी!

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस कॉन्फ्रेंस सोमवार को तब अचानक सुर्खियों में आ गई, जब बीच कार्यक्रम के दौरान करीब तीन मिनट तक बिजली गुल हो गई। उस समय कार्यकर्ता उनका स्वागत कर रहे थे। अंधेरे में मीडियाकर्मियों ने कैमरे की लाइट जलाकर व्यवस्था संभाली और फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस आगे बढ़ी।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के पश्चिमी यूपी को ‘मिनी पाकिस्तान’ बताने वाले बयान पर अखिलेश ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देने वाले लोग एआई और विकास की बहस से बचना चाहते हैं। भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर उन्होंने कहा कि यह फॉरेन पालिसी से जुड़ा सेंसेटिव मुद्दा है। वहीं, पहलगाम के शहीदों के परिवार को भाजपा किस मुंह से सामना करेगी, यह भी उन्होंने सवाल उठाया।
गोरखपुर के विकास कार्यों पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा कि जब सैटेलाइट पर बादल देखते हैं तो लगता है कि गोरखपुर में बारिश नहीं हो रही। यहां मेट्रो नहीं चली और अब तो लगता है नाव चलने का इंतजार करना पड़ेगा।
गाजीपुर में पुलिस लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता की मौत के मामले पर उन्होंने कहा कि यह अखिल भारतीय वीडियो पिटाई जैसा ही मामला है। जैसे कौशांबी में दो उप मुख्यमंत्री आपस में भिड़े थे और समझौता हो गया था, वैसे ही गाजीपुर में भी समझौता कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार दबाव में काम करा रही है। नेपाल में पत्रकारों पर हुए हमले को भी उन्होंने देश का अपमान बताया।
कानपुर में आईपीएस अफसरों पर कार्रवाई न होने पर उन्होंने आरोप लगाया कि वहां गंभीर मामले हैं लेकिन सरकार कार्रवाई करने से बच रही है। उन्होंने कहा कि वहां गैंग की तरह काम हो रहा है।
शिक्षा और विकास पर बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाने के लिए स्टाफ नहीं है। स्मार्ट सिटी का सपना दिखाया गया था लेकिन सड़कों पर कूड़े के ढेर और आवारा पशु नजर आते हैं। भदोही और मुरादाबाद को टैरिफ से क्या मदद दी गई और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट पर संकट आया तो क्या कदम उठाए गए, यह सवाल भी उन्होंने उठाए।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है, बल्कि उसकी जान कैमरों में फंसी हुई है। जिस दिन कैमरे हट जाएंगे, भाजपा घुटनों पर आ जाएगी। उन्होंने बताया कि सपा जिलावार अलग मैनिफेस्टो तैयार कर रही है और राज्य स्तर पर अलग घोषणा पत्र जारी होगा।
कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के जन्मदिन पर तंज कसते हुए अखिलेश बोले—“तो मैं क्या करूं, उनको 100 रुपए भेज दूं?” उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में रासुका केवल मुस्लिम, यादव और पिछड़ों पर लगाई जाती है। मुख्यमंत्री कार्यालय में समझौते होते हैं। सपा सरकार आने पर आउटसोर्सिंग व्यवस्था को खत्म किया जाएगा।