दिसंबर में मूली की खेती से कमाएं भारी मुनाफा, बेस्ट समय कम लागत में पाएं तेज उत्पादन और बढ़िया दाम
आज के इस लेख में हम आपको दिसंबर के महीने में मूली की खेती से जुड़ी वह सभी महत्वपूर्ण बातें बताएंगे जिनसे आप कम खर्च में ज्यादा कमाई कर सकते हैं. मूली एक ऐसी फसल है जो बहुत जल्दी तैयार होती है और बाजार में इसकी मांग सर्दियों के दौरान लगातार बनी रहती है. यही कारण है कि किसान इसे रबी सीजन की सबसे फायदेमंद फसलों में से एक मानते हैं.
दिसंबर में मूली की खेती क्यों बने फायदेमंद
मिट्टी और खेत की तैयारी का सही तरीका
मूली की खेती के लिए हल्की भुरभुरी और पानी निकालने योग्य मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. भारी या चिपचिपी मिट्टी में मूली का आकार खराब हो सकता है. खेत की जुताई अच्छे से करें ताकि मिट्टी नरम और भुरभुरी बने और मूली सीधी लंबी और सुंदर विकसित हो सके.
पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से की जानी चाहिए. उसके बाद दो से तीन जुताई कल्टीवेटर से करें और खेत में अच्छी तरह से पकी हुई गोबर की खाद मिलाएं. लाइनों के बीच लगभग तीस सेंटीमीटर की दूरी रखें और बीजों के बीच पांच से सात सेंटीमीटर की दूरी रखें जिससे पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके.
जल्दी तैयार होने वाली किस्में बढ़ाएं मुनाफा
आजकल बाजार में कई हाइब्रिड किस्में उपलब्ध हैं जो बहुत कम समय में तैयार हो जाती हैं. कुछ किस्में तो सिर्फ पैंतीस से चालीस दिन में ही बाजार योग्य आकार दे देती हैं जिससे एक सीजन में दो से तीन बार भी फसल ली जा सकती है. इससे कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है.
सिंचाई का संतुलन रखें
मूली की फसल में पानी की बहुत अधिक जरूरत नहीं होती लेकिन मिट्टी में नमी बनी रहना जरूरी है. बीज बोने के बाद हल्की सिंचाई करें. इसके बाद हर पांच से सात दिन के अंतराल पर सिंचाई करें. ध्यान रखें कि खेत में पानी कभी खड़ा न हो क्योंकि इससे मूली टेढ़ी मेढ़ी बन सकती है और गुणवत्ता प्रभावित होती है.
रोग और कीट का खतरा बहुत कम
मूली की खेती की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें कीटनाशकों का खर्च लगभग न के बराबर आता है. यह जमीन के भीतर बढ़ती है इसलिए कीट का असर बहुत कम होता है. बस मिट्टी में अत्यधिक नमी से बचें ताकि जड़ गलने जैसी समस्या न हो.
तैयार फसल से अच्छी कमाई
मूली की फसल लगभग पैंतालीस से पचास दिन में तैयार हो जाती है. इस समय बाजार में मूली का रेट काफी अच्छा मिल रहा है जिससे थोड़े से खेत में भी किसान बढ़िया कमाई कर सकते हैं. फसल का आकार जितना अच्छा होगा बाजार में उतनी ही अधिक कीमत मिलती है.
दिसंबर में मूली की खेती क्यों है सबसे बेहतर विकल्प
दिसंबर इस फसल के लिए बिल्कुल सही समय माना जाता है. कम लागत कम मेहनत और जल्दी तैयार होने की क्षमता मूली को रबी की सबसे बेहतर फसलों में शामिल करती है. अगर खेती में थोड़ी सी सावधानी रखी जाए तो सिर्फ पचास दिनों में शानदार मुनाफा पाया जा सकता है.
सर्दियों में मूली की खेती किसानों के लिए कम लागत और ज्यादा फायदा देने वाली फसल साबित हो सकती है. सही तैयारी हाइब्रिड किस्में संतुलित सिंचाई और समय पर कटाई से आपकी आमदनी आसानी से बढ़ सकती है.
