योगी सरकार ने दिव्यांगों को दिया सम्मान और संबल, शरीर नहीं, संकल्प होता है शक्ति
लखनऊ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हॉल में आयोजित राज्य स्तरीय विश्व दिव्यांग दिवस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे। समारोह में हौसलों, संघर्ष और आत्मबल की कहानियों ने पूरा सभागार तालियों से गूंजा।
सीएम योगी ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 30 व्यक्तियों, संस्थाओं, नियोक्ताओं और सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कार्मिकों को राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया। समारोह में मंच पर कोई व्हीलचेयर पर बैठा था तो कोई बैसाखियों के सहारे खड़ा था, लेकिन सभी के चेहरे पर गर्व और आत्मसम्मान झलक रहा था।
इसके बाद 500 दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल और विभिन्न सहायक उपकरण वितरित किए गए। मंच से सीएम योगी ने कहा कि भारत की ऋषि परंपरा ने सिखाया है कि शरीर शक्ति का पैमाना नहीं, बल्कि संकल्प और आत्मबल असली ताकत हैं। उन्होंने अष्टावक्र, संत सूरदास जैसे उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि सही सहयोग मिलने पर दिव्यांगजन इतिहास रच सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पुरानी सरकारों के मुकाबले अब दिव्यांगों को मिलने वाली सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है। यह दिन केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि सम्मान, समाधान और स्वाभिमान का प्रतीक था। आज उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजन न केवल समर्थ हैं, बल्कि समाज में बराबरी के अधिकारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
