7 साल की उम्र में एक हाथ गंवाया, पर हिम्मत नहीं हारी: मुंह में पेन से कंप्यूटर चलाने वाली सोनल आज बैंक की असिस्टेंट मैनेजर
Sonal Jain Inspiring Story: मध्यप्रदेश के सागर की रहने वाली सोनल जैन की कहानी अपने आप में अद्भुत मिसाल है। मुश्किलों ने उन्हें तोड़ने की कोशिश जरूर की, लेकिन उन्होंने दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और संघर्ष के बल पर खुद को साबित किया। आज वे राजस्थान ग्रामीण बैंक की आरकेपुरम शाखा, कोटा में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं और हजारों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
बचपन की दुर्घटना जिसने बदल दी जिंदगी की दिशा
हादसे ने नहीं रोका, बल्कि पढ़ाई ने बनाया मजबूत
सोनल ने कभी जिंदगी से हार नहीं मानी। दर्द और लंबे इलाज के बावजूद उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। शुरुआती शिक्षा सागर में पूरी करने के बाद उन्होंने इंदौर से ग्रेजुएशन और एमबीए किया। इसके बाद उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की और मेहनत रंग लाई—2014 में उनका चयन बैंक सेवा में हो गया। पहले बांसवाड़ा में पोस्टिंग मिली और 2015 में कोटा ट्रांसफर हो गया।
एक हाथ और पेन की मदद से देती हैं पूरी रफ्तार वाला आउटपुट
आज सोनल बैंक में वैसे ही काम करती हैं जैसे कोई भी सामान्य कर्मचारी करता है। वे एक हाथ से कंप्यूटर माउस चलाती हैं और मुंह में पेन दबाकर की-बोर्ड के बटन प्रेस करती हैं। धीरे-धीरे यह उनकी आदत बन गई और अब वे उसी गति से कार्य करती हैं, जैसे अनुभवी कार्मिक। उनके सहकर्मी भी मानते हैं कि उनका आउटपुट बेहद तेज और सटीक होता है।
परिवार का साथ बना सबसे बड़ी ताकत
सोनल कहती हैं कि उनकी सफलता का श्रेय उनके परिवार को जाता है। उनकी मां किरण जैन ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, जबकि पिता सुमित कुमार जैन व्यवसायी हैं और हर कदम पर उनके साथ खड़े रहे। सोनल विवाहित हैं और उनके ढाई साल का एक बेटा भी है। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी सोनल बताती हैं कि परिवार की हिम्मत और समर्थन ने ही उन्हें हर मुश्किल से उबरने और आज इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की।
जज़्बे की ऐसी मिसाल जिसे जानकर हर कोई प्रेरित होगा
सोनल की कहानी सिर्फ संघर्ष की नहीं, बल्कि उस इंसानी जज़्बे की कहानी है जो परिस्थितियों से नहीं, अपनी सोच से तय होता है। एक हाथ गंवाने के बावजूद उन्होंने खुद को कभी कमज़ोर नहीं माना और मुंह में पेन रखकर वही काम कर दिखाया, जिसे कई लोग दो हाथ होने के बावजूद चुनौती मानते हैं। उन्होंने साबित किया कि मेहनत, हौसला और परिवार का साथ किसी भी व्यक्ति की सबसे बड़ी शक्ति होती है।
