रबी सीजन में चिया सीड्स की खेती से किसानों की किस्मत चमकी, एक बीघा में 72 हजार रुपये तक की कमाई का सुनहरा मौका

चिया सीड्स की खेती से जबरदस्त मुनाफा

एक बीघा खेत के लिए केवल 700 ग्राम बीज की जरूरत होती है और अगर आप इसकी सही देखभाल करें तो पैदावार उम्मीद से भी ज्यादा मिल सकती है। किसान बताते हैं कि चिया सीड्स की खेती से उन्हें सोयाबीन की तुलना में अधिक लाभ हो रहा है।
सेहत के लिए फायदेमंद, बाजार में भारी डिमांड
चिया सीड्स की मांग आज के समय में देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बढ़ रही है। यह फसल ओमेगा-3, फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसका सेवन पाचन को सुधारता है, वजन नियंत्रित रखता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
लोग इसे अपने नाश्ते और डाइट में शामिल कर रहे हैं। चिया सीड्स का उपयोग सलाद, दलिया, पराठा, स्मूदी और ड्रिंक में किया जाता है। खास बात यह है कि कई लोग सुबह खाली पेट इसका सेवन करते हैं, जिससे शरीर को भरपूर ऊर्जा और पोषण मिलता है। यही वजह है कि इसकी मार्केट वैल्यू लगातार बढ़ रही है और किसानों को इसका सीधा फायदा हो रहा है।
खाद और देखभाल में कम खर्च
चिया सीड्स की खेती में अधिक खाद या कीटनाशक की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें वही मात्रा की खाद और दवाई लगती है जितनी सोयाबीन की फसल में डाली जाती है। अगर आप जैविक खेती करना चाहते हैं तो एक बीघा खेत में 4 से 5 टन गोबर की खाद मिलाना बहुत फायदेमंद होता है।
इसके अलावा 40:20:15 के अनुपात में एनपीके का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें करीब 8 से 10 किलो यूरिया, 5 से 6 किलो डीएपी और 3 से 4 किलो पोटाश का प्रयोग किया जा सकता है। यह फसल बहुत कम समय में तैयार हो जाती है और मौसम के बदलाव से भी कम प्रभावित होती है, इसलिए इसे रबी और खरीफ दोनों सीजन में उगाया जा सकता है।
किसानों के लिए सुनहरा अवसर
चिया सीड्स की खेती उन किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है जो पारंपरिक फसलों से हटकर नई और लाभदायक खेती करना चाहते हैं। इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है और कीमतें भी आकर्षक हैं। अगर किसान थोड़ी मेहनत और सही तकनीक अपनाएं तो यह फसल उन्हें सालभर मुनाफा दिला सकती है।
इस फसल में कम जोखिम और ज्यादा कमाई दोनों का संतुलन है, इसलिए इसे रबी सीजन की सबसे फायदेमंद फसलों में गिना जा रहा है।
