सर्दियों में चने की खेती से भरेंगे आपके खजाने, कम सिंचाई में ज्यादा पैदावार पाने का आसान राज़ जानिए और खेत से लाखों की कमाई का सुनहरा मौका

आज हम बात करने जा रहे हैं चने की खेती के बारे में. चना एक ऐसी फसल है जो किसान भाइयों को कम मेहनत और कम खर्चे में अच्छा मुनाफा दे सकती है. गांवों में अक्सर आपने सुना होगा कि लोग सब्जी और फलों के साथ-साथ चना भी बोते हैं और उससे बढ़िया कमाई कर लेते हैं. लेकिन सच यह है कि अगर खेती करते समय सही तरीके और सही समय पर सिंचाई का ध्यान न रखा जाए तो नुकसान भी झेलना पड़ सकता है.
अगर बात करें सिंचाई की तो कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि चने की फसल को बुआई के 40 से 45 दिन बाद और फिर 60 से 65 दिन बाद सिंचाई कर देना ही पर्याप्त है. यानी कुल दो सिंचाई से ही बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है. लेकिन यह बात भी ध्यान रखने लायक है कि जहां मावठा यानी हल्की बारिश हो चुकी हो वहां दोबारा सिंचाई नहीं करनी चाहिए. खासकर काली मिट्टी वाले खेतों में अगर जरूरत से ज्यादा पानी दिया गया तो चना गर्रा जाएगा यानी पौधे में ज्यादा बढ़वार होगी लेकिन फूल और फल कम लगेंगे. इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा.
किसान भाइयों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि सिंचाई पौधे में फूल आने से पहले कर दी जाए. अगर फूल आने के बाद पानी दिया गया तो इसका नुकसान हो सकता है और पैदावार घट सकती है. कृषि अधिकारी त्रिभुवन सिंह का कहना है कि चना दलहनी फसल होने के कारण ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती. कई बार तो एक ही सिंचाई भी पर्याप्त हो जाती है खासकर वहां जहां खेत में नमी बनी रहती है.
आजकल किसान आधुनिक तकनीक से खेत की अच्छी तैयारी करके चने की बुवाई कर रहे हैं और सिंचित क्षेत्रों में भी इसका उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है. यही वजह है कि चना अब सिर्फ साधारण जमीन की फसल नहीं रह गया बल्कि सिंचित खेतों में भी किसान इसे लगाकर अच्छा मुनाफा उठा रहे हैं.
दोस्तों अगर आप भी खेती में लागत कम करना चाहते हैं और मुनाफा ज्यादा पाना चाहते हैं तो चने की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. बस ध्यान रखें कि सिंचाई सही समय पर और जरूरत के अनुसार करें ताकि पौधे की बढ़वार के साथ-साथ उसमें फूल और दाने भी अच्छे बन सकें.
Disclaimer: यह आर्टिकल केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है. खेती से जुड़े किसी भी फैसले से पहले कृषि विशेषज्ञों या अपने स्थानीय कृषि अधिकारी से सलाह जरूर लें