अक्टूबर नवंबर में जीरे की खेती से बनाएं शानदार मुनाफा, जानिए GC-3 किस्म की खासियत

अगर आप इस अक्टूबर और नवंबर में खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो जीरे की एक खास किस्म आपके लिए सुनहरा अवसर साबित हो सकती है। जीरा न सिर्फ व्यावसायिक रूप से फायदेमंद होता है बल्कि इसकी बाजार में हमेशा डिमांड बनी रहती है। आज हम बात कर रहे हैं जीरे की GC-3 किस्म के बारे में जो उच्च उत्पादन क्षमता और बेहतर तेल मात्रा के लिए जानी जाती है।
जीरे की GC-3 किस्म की खेती शुरू करने से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करना जरूरी है। मिट्टी में 5-7 टन गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाकर इसे तैयार किया जाता है। बीज को रासायनिक उपचार के बाद 10-12 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बोया जाता है। किसान बताते हैं कि इस तरह बोई गई फसल लगभग 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है और इसे बाजार में बेचना बेहद फायदेमंद होता है।
GC-3 किस्म की उत्पादन क्षमता बहुत अधिक होती है। इसके दाने आकर्षक और खुशबूदार होते हैं। एक हेक्टेयर में इस किस्म की खेती से करीब 7 से 7.5 क्विंटल तक उत्पादन होता है और यदि इसे बाजार में 250 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाए तो लगभग 1,75,000 रुपए की कमाई संभव है। GC-3 किस्म जल्दी पकने वाली और उच्च गुणवत्ता वाली होती है, इसलिए यह व्यावसायिक खेती के लिए आदर्श मानी जाती है।
किसानों का अनुभव बताता है कि सही समय पर बुवाई करना, खेत की तैयारी और उन्नत किस्म का चयन करना ही अच्छे उत्पादन और उच्च मुनाफे की कुंजी है। इस अक्टूबर नवंबर में जीरे की GC-3 किस्म की खेती कर आप न सिर्फ आमदनी बढ़ा सकते हैं बल्कि अपने अनुभव से खेती को और अधिक लाभकारी बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। खेती शुरू करने से पहले अपने क्षेत्र की जलवायु, मिट्टी और विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।