रेनो इंडिया अब नए जोश और नई सोच के साथ – सीएनजी से लेकर हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक तक – हर भारतीय खरीदार को देगा बेहतरीन विकल्प

रेनो इंडिया अब भारतीय ग्राहकों के लिए नई उम्मीदें लेकर आई है। कंपनी सीएनजी, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर फोकस कर रही है और भारत को मैन्युफैक्चरिंग व एक्सपोर्ट हब बनाने की तैयारी में है। आइए जानते हैं रेनो का यह नया सफर कैसा होगा।
आज हम बात करने वाले हैं रेनो India की, जो अब भारत में अपनी गाड़ी चलाने के अंदाज़ को नए रंग में सजाने की तैयारी कर रही है। आपने अक्सर महसूस किया होगा कि जब कोई ब्रांड सिर्फ एक ही रास्ते पर चलता है, तो वो लंबे समय तक ग्राहकों का दिल नहीं जीत पाता। लेकिन रेनो इस सोच को तोड़ते हुए अब कई नए विकल्प लेकर आपके सामने आ रही है।
सीएनजी की बढ़ती डिमांड को देखते हुए कंपनी ने पहले ही ट्राइबर एमपीवी का सीएनजी वर्ज़न लॉन्च किया, जिसे लोगों का शानदार रिस्पॉन्स मिला है। यही नहीं, काईगर एसयूवी में भी कंपनी ने गवर्नमेंट-अप्रूव्ड सीएनजी रेट्रोफ़िट किट देने का फ़ैसला किया है। ये दिखाता है कि रेनो अब सीएनजी सेगमेंट को हल्के में नहीं ले रही, बल्कि इसमें बड़ा पोटेंशियल देख रही है। हां, बी-एमपीवी और सी-एसयूवी जैसी आने वाली गाड़ियों में फिलहाल सीएनजी वर्ज़न का प्लान नहीं है, लेकिन अगर लोगों की डिमांड बढ़ी तो इन मॉडलों में भी रेट्रोफ़िट का ऑप्शन मिलने की पूरी उम्मीद है।
लेकिन दोस्तों, कहानी यहीं खत्म नहीं होती। रेनो को पता है कि भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कॉम्पिटिशन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि कंपनी अब सिर्फ सीएनजी तक सीमित नहीं रहना चाहती। आने वाले वक्त में रेनो हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक इंजन वाली गाड़ियां भी पेश करने की तैयारी में है।
और सबसे मज़ेदार बात ये है कि रेनो इंडिया सिर्फ घरेलू बिक्री पर ही फोकस नहीं कर रही। कंपनी भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट हब के रूप में इस्तेमाल करेगी। यानी भारत में बनी रेनो कारें सिर्फ यहां नहीं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों में भी जाएंगी। इससे भारत एक ग्लोबल लॉन्चपैड बनकर उभरेगा और हमें भी गर्व महसूस होगा कि हमारी धरती पर बनी गाड़ियां दुनिया भर की सड़कों पर दौड़ेंगी।
कुल मिलाकर, रेनो इंडिया अब एक ही फ्यूल-टाइप तक सीमित नहीं रहना चाहती। कंपनी का असली मकसद है – हर ग्राहक को उसकी पसंद का विकल्प देना और भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में अपने लिए नई जगह बनाना।