सितंबर में खेती करने का बेहतरीन मौका: जल्दी तैयार होने वाली फसल और ज्यादा मुनाफा

सितंबर में खेती करने का बेहतरीन मौका: जल्दी तैयार होने वाली फसल और ज्यादा मुनाफा
खेती में यदि आप जल्दी उत्पादन और अधिक मुनाफा चाहते हैं, तो आलू की अगेती खेती आपके लिए सुनहरा अवसर हो सकती है। सितंबर के महीने में बुवाई करने पर आलू जल्दी तैयार हो जाता है और बाजार में जल्दी पहुँचने से अच्छे दाम भी मिलते हैं। इससे आपकी आय बढ़ती है और खेत अगली फसलों के लिए समय पर तैयार हो जाते हैं।
क्यों चुनें अगेती आलू?
कुफरी चंद्रमुखी: मजबूत और सख्त किस्म
कुफरी चंद्रमुखी किस्म का गूदा सख्त, चिकना और मोम जैसा होता है। इसे उबालना, भूनना या तलना आसान होता है। यह किस्म सामान्य फफूंद और वायरस के प्रति काफी हद तक प्रतिरोधी है। इसके लिए उचित जल धारण क्षमता वाली मिट्टी और गोबर की खाद का इस्तेमाल करना लाभकारी रहता है। बुवाई के 80-90 दिनों में फसल तैयार हो जाती है और इसकी औसत उपज 200-250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।
कुफरी जवाहर: बाजार में हमेशा मांग में
कुफरी जवाहर किस्म गोल से अंडाकार कंद और चमकीले सफेद छिलके के लिए जानी जाती है। इसका गूदा सफेद और मुलायम होता है, जिससे यह फ्रेंच फ्राइज और चिप्स बनाने के लिए बहुत पसंद की जाती है। यह किस्म अगेती झुलसा और फोम रोगों के प्रति प्रतिरोधी है। जीवांश युक्त बलुई-दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त है। इसकी बुवाई के 80-90 दिनों में फसल तैयार हो जाती है और एक हेक्टेयर में 250-300 क्विंटल उपज संभव है।
दोस्तों, अगर आप जल्दी उत्पादन और बेहतर मुनाफा चाहते हैं, तो अगेती आलू की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प है। कुफरी चंद्रमुखी और कुफरी जवाहर जैसी उन्नत किस्में न केवल अधिक उपज देती हैं, बल्कि मार्केट में हमेशा मांग में रहती हैं। सही मिट्टी, पर्याप्त पोषण और ध्यान से देखभाल करके आप अपने खेत से अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख केवल शैक्षिक और सूचना देने के उद्देश्य से है। खेती के निर्णय लेने से पहले अपने नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।