40 दिन में तैयार होती है हरी-भरी फसल, हरूना लौकी बनी किसानों की पहली पसंद , किसानों की किस्मत बदल रही है ये लौकी

छत्तीसगढ़ की हरूना लौकी किस्म सिर्फ 40 दिन में तैयार होकर किसानों को लाखों का मुनाफा दिला रही है। जानें खेती और कीट नियंत्रण के आसान तरीके।
खेती की दुनिया में अक्सर ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं जो किसानों की मेहनत और कमाई दोनों को बदल देती हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक सब्जी के बारे में बता रहे हैं जिसने छत्तीसगढ़ के किसानों की जिंदगी आसान कर दी है। बात हो रही है लौकी की उन्नत किस्म हरूना की। इसकी सबसे बड़ी खूबी यही है कि बोआई के सिर्फ 40 से 45 दिन बाद ही हरे-भरे फल तैयार होने लगते हैं। जल्दी उत्पादन मिलने की वजह से किसान बाजार में सब्जी बेचकर तगड़ा मुनाफा कमा लेते हैं।
क्यों खास है हरूना लौकी
कीट प्रबंधन पर ध्यान जरूरी
लौकी की खेती में एक बड़ी दिक्कत लाल पम्पकिन बीटल नाम का कीट है। यह पत्तियों को कुतर देता है और जब पौधों में फल लगते हैं तो उन्हें भी खराब कर देता है। अगर किसान समय रहते इसका इलाज न करें तो फसल पूरी तरह बर्बाद हो सकती है।
इसीलिए कृषि विशेषज्ञ किसानों को पारंपरिक और वैज्ञानिक दोनों उपाय अपनाने की सलाह देते हैं। देसी तरीके में किसान लकड़ी की राख में थोड़ी मात्रा में साइपरमेथ्रिन पाउडर मिलाकर पत्तियों पर छिड़काव करते हैं। वहीं आधुनिक खेती करने वाले किसान इमामेक्टीन बेंजोएट का उपयोग प्रति एकड़ 2 मिलीलीटर की दर से स्प्रे करके करते हैं। इससे कीट पर नियंत्रण पाया जा सकता है और फसल सुरक्षित रहती है।
किसानों के लिए वरदान
सब्जी बाजार में बढ़ती मांग और हरूना लौकी की तेज पैदावार इसे किसानों के लिए किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं बनाती। कम समय में तैयार होने वाली यह लौकी किसानों को जल्दी नकद आमदनी दिला रही है। यही वजह है कि अब छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि आसपास के किसान भी इसकी खेती में रुचि दिखा रहे हैं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी कृषि विशेषज्ञों की सलाह और उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। किसान भाइयों से अनुरोध है कि किसी भी कीटनाशक या नई तकनीक को अपनाने से पहले नजदीकी कृषि केंद्र से सलाह जरूर लें।