परवल की खेती से बदल गई किसानों की किस्मत, गोरखपुर के इस किसान ने कमाए 20 लाख रुपए , देखे पूरी कहानी

अक्सर हम सुनते हैं कि मेहनत और लगन से कोई भी काम बड़ा बन सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के पुरनाहा गांव के किसान सागर यादव ने। परवल की खेती ने न सिर्फ उनकी जिंदगी बदली बल्कि पूरे गांव की पहचान भी बना दी है। कभी सिर्फ एक एकड़ से शुरू हुई यह खेती आज सैकड़ों एकड़ में फैल चुकी है और हजारों लोगों की आजीविका का सहारा बन गई है।
किसान सागर यादव की मेहनत की कहानी
गांव में फैली परवल क्रांति
शुरुआती चार साल तक सागर यादव अकेले ही परवल की खेती करते रहे। लेकिन जब गांव के लोगों ने उनकी मेहनत और मुनाफा देखा तो धीरे-धीरे अन्य किसान भी जुड़ने लगे। नतीजा यह हुआ कि आज पुरनाहा गांव में 100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में परवल की खेती हो रही है। आसपास के गांवों को मिलाकर यह खेती 500 एकड़ से भी अधिक फैल चुकी है। अब 6 गांवों के करीब 80% किसान परवल की खेती अपना चुके हैं।
क्यों फायदेमंद है परवल की खेती
परवल की खेती में पानी की खपत कम होती है। इसकी बुवाई अगस्त-सितंबर में की जाती है और अक्टूबर-नवंबर से उत्पादन शुरू हो जाता है। मार्च से यह उत्पादन अपने चरम पर पहुंच जाता है। सही तकनीक और देखभाल के साथ परवल की मांग पूरे साल बनी रहती है। यही वजह है कि यह खेती न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ा रही है बल्कि रोजगार के नए रास्ते भी खोल रही है।
गांव की नई पहचान
आज पुरनाहा गांव परवल की खेती के लिए जाना जाता है। यहां की हरी-भरी बेलें खेतों को सजाने के साथ-साथ किसानों की जिंदगी भी बदल रही हैं। करीब 400 से ज्यादा लोगों को रोजगार परवल की खेती से मिला है। किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और इलाके का विकास भी तेजी से हो रहा है।
Disclaimer:
यह लेख मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। यहां दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से है। खेती से संबंधित किसी भी निर्णय से पहले किसान भाई स्थानीय कृषि विशेषज्ञों और सरकारी विभाग से सलाह जरूर लें।