ग्रहण की लालिमा और चांद की लुका-छुपी ने मोह लिया मन, देशभर में दिखा ऐतिहासिक चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा

Last Lunar Eclipse 2025: 7 सितंबर 2025 को देश का आखिरी चंद्र ग्रहण पूरे भारत में देखा गया। इस दौरान चांद लालिमा लिए हुए और पहले से बड़ा दिखाई दिया। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह साल 2022 के बाद भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण था। इस अनोखे खगोलीय नजारे को देखने के लिए देशभर के लोग देर रात तक आसमान की ओर निहारते रहे।
जबलपुर, खंडवा और इंदौर में चांद की लुका-छुपी
बारिश और बादलों ने बिगाड़ा कई शहरों का मज़ा
बुरहानपुर में रात 10:08 बजे चांद ने दीदार करवाया, लेकिन उज्जैन में हल्की बारिश के चलते लोगों को निराशा हाथ लगी। यहां टेलिस्कोप लगाकर इंतजार करने वाले खगोलप्रेमियों को भी साफ नजारा नहीं मिल सका। बालाघाट में भी आसमान बादलों से ढका रहा और रात 10:15 बजे के बाद भी लोग चांद की झलक पाने को तरसते रहे।
एशिया और ऑस्ट्रेलिया में सबसे बेहतरीन नजारा
विशेषज्ञों के अनुसार, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में चंद्र ग्रहण का दृश्य सबसे लंबे समय तक और बेहद स्पष्ट दिखाई दिया। भारत के दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, केरल और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में भी लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। खुले आसमान वाले इलाकों में खगोलविदों और आम नागरिकों ने इस ग्रहण को टेलिस्कोप और नंगी आंखों से देखा।
उज्जैन वेधशाला और महाकाल मंदिर की विशेष व्यवस्था
उज्जैन की वेधशाला में लोग टेलिस्कोप के जरिए ग्रहण को देखने पहुंचे, लेकिन बारिश और बादलों ने नजारा धुंधला कर दिया। वहीं, महाकाल मंदिर में भी ग्रहण को देखते हुए परंपरागत व्यवस्थाओं में बदलाव किया गया। एक दिन के लिए शयन आरती का समय बदला गया और यह आरती रात 10:30 बजे की जगह 9:30 बजे आयोजित की गई। मंदिर में अगले दिन की सुबह आरती से पहले शुद्धिकरण प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
भोपाल और सागर में भी चांद की झलक
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रात 9:53 बजे तक चांद बादलों के बीच लुका-छुपी करता रहा। वहीं, सागर में करीब 9:50 बजे चांद बादलों से निकलकर पूरे श्वेत प्रकाश में आसमान में चमका। यहां लोगों ने इसे “फुल व्हाइट मून” के रूप में देखा और कैमरों में कैद किया।
साल का सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण
खगोलविदों का कहना है कि यह चार उप-छाया वाला चंद्र ग्रहण था, जिसके बाद पृथ्वी की गहरी छाया धीरे-धीरे चंद्रमा पर पड़ी। यही कारण था कि यह ग्रहण सबसे लंबा माना गया। पूरे भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में भी इसे देर रात तक साफ-साफ देखा गया।