महंगाई पर मिलेगी राहत, खरीफ फसल और जीएसटी कटौती से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था- नागेश्वरन

India GDP Growth: भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने वित्त वर्ष 2026 को लेकर बड़ा अनुमान जारी किया है। उन्होंने कहा कि इस साल नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ बजट अनुमानित 10.1% से कुछ कम रह सकती है, लेकिन वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहेगी। नागेश्वरन ने स्पष्ट किया कि नॉमिनल जीडीपी महंगाई सहित होती है, जबकि वास्तविक जीडीपी महंगाई को हटाकर अर्थव्यवस्था की असल स्थिति दर्शाती है।
महंगाई घटने की संभावना
पहली तिमाही के बेहतर आंकड़े
नागेश्वरन ने पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 8.8% दर्ज की गई, जो अनुमानित 8%–8.5% से बेहतर है। उन्होंने कहा कि महंगाई कम होने और टैक्स रियायतों से उपभोग और निवेश बढ़ेगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी और विकास दर पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
जीएसटी सुधारों का असर
CEA नागेश्वरन ने जीएसटी सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि दरें चार से घटाकर दो कर दी गई हैं और प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। इसका असर केवल खुदरा (B2C) पर ही नहीं बल्कि बिजनेस टू बिजनेस (B2B) लेनदेन पर भी होगा। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से व्यापार सुगम होगा और घरेलू मांग मजबूत होगी।
वैश्विक चुनौतियों पर चेतावनी
हालांकि, नागेश्वरन ने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियां बनी हुई हैं। अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% तक टैरिफ लगाने का असर दूसरी तिमाही में दिखाई दे सकता है। अमेरिका ने यह कदम भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने और कुछ पुराने व्यापार अवरोधों को न हटाने के चलते उठाया है। नागेश्वरन ने माना कि इससे दबाव बनेगा, लेकिन घरेलू मांग और नीतिगत सुधारों के सहारे भारत की विकास रफ्तार आगे भी बनी रहेगी।