Agriculture News: निमाड़ क्षेत्र में बैंगन की खेती से किसान कैसे कमा रहे हैं डबल मुनाफा जानिए सही किस्म और खेती की तकनीक से बढ़ेगी कमाई
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अगर आप खेती से जुड़ी ऐसी फसल की तलाश में हैं जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा दे सके तो बैंगन की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है। खासकर मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में यह फसल किसानों की कमाई का बड़ा साधन बन रही है। यहां बैंगन की मांग इतनी अधिक है कि स्थानीय मंडियों से लेकर महाराष्ट्र तक इसका निरंतर व्यापार होता है। यही वजह है कि खंडवा इंदौर हरदा और बुरहानपुर जैसे जिलों की मंडियों में बैंगन की खपत हमेशा बनी रहती है। यही कारण है कि यहां के किसान सालभर बैंगन उगाकर स्थायी आय प्राप्त कर रहे हैं। अगर किसान सही किस्म का चुनाव करें और खेती की आधुनिक तकनीकों का उपयोग करें तो यह सब्जी उन्हें लगातार मुनाफा दिलाती है।
बैंगन की खेती में कीट और बीमारियों की चुनौती भी सामने आती है। सफेद मच्छर तना छेदक और फल छेदक इल्ली सबसे आम कीट हैं। इनके नियंत्रण के लिए कृषि विशेषज्ञ कार्टाब हाइड्रोक्लोराइड और एसिटामाप्रीड जैसे दवाओं की सलाह देते हैं। बरसात के मौसम में फफूंद जनित बीमारियां जैसे डाउनी मिल्ड्यू और ब्लाइट तेजी से फैलती हैं। इनके लिए हेक्साकोनोजोल स्ट्रेप्टोसाइक्लिन और टेबुकोनोजोल जैसे फफूंदनाशक प्रभावी साबित होते हैं। वहीं गर्मी के मौसम में रेड माइट का हमला आम है जिसे समय पर नियंत्रित करना जरूरी है।
कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक लगातार किसानों को यह सलाह देते हैं कि अगर वे एक ही कीटनाशक का बार-बार प्रयोग न करके बदल-बदलकर करें तो फसल सुरक्षित रहती है और कीट भी प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं कर पाते। सही समय पर जुताई उचित किस्म का चयन कीट प्रबंधन और बाजार तक समय पर पहुंच – इन बातों पर ध्यान देकर किसान अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से लिखी गई है। खेती से संबंधित किसी भी निर्णय से पहले कृषि विशेषज्ञ या कृषि विज्ञान केंद्र से परामर्श अवश्य लें।