आलू की कुफरी ख्याति किस्म: कम समय में ज्यादा उत्पादन और डबल मुनाफे वाली खेती

आज हम बात करने वाले हैं आलू की एक ऐसी खास किस्म के बारे में जो किसानों के लिए मुनाफे का बड़ा साधन बन सकती है। आलू वैसे तो हर किसान की पसंदीदा फसल होती है लेकिन जब बात अगेती किस्म की आती है तो उसका महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इससे खेत जल्दी खाली हो जाते हैं और किसान अगली फसल लगाकर डबल कमाई कर सकते हैं। इसी वजह से आलू की अगेती खेती को बहुत लाभदायक माना जाता है।
कुफरी ख्याति किस्म क्यों है खास
खेती की तैयारी और तरीके
कुफरी ख्याति किस्म की खेती के लिए बलुई दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो। खेत की तैयारी के लिए कम से कम तीन बार गहरी जुताई करनी चाहिए और इसके साथ कम्पोस्ट खाद का उपयोग करना बहुत जरूरी है। इससे मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ जाते हैं और फसल ज्यादा उपज देती है। बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 700 से 750 किलो स्वस्थ और प्रमाणित बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। बीजों को 5 से 7 सेंटीमीटर की गहराई पर बोया जाता है और पंक्ति से पंक्ति की दूरी लगभग 60 सेंटीमीटर रखी जाती है।
कितने दिनों में होगी फसल तैयार
आलू की कुफरी ख्याति किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह जल्दी तैयार हो जाती है। किसान बुआई के 70 से 80 दिन बाद ही इसकी खुदाई कर सकते हैं। यानी थोड़े समय में ही यह फसल तैयार हो जाती है और खेत खाली कर देती है जिससे किसान दूसरी फसल लगाकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।
उत्पादन और कमाई
किसान भाइयों अगर आप एक हेक्टेयर में आलू की कुफरी ख्याति किस्म की खेती करते हैं तो आपको लगभग 360 से 400 क्विंटल उत्पादन मिल सकता है। बाजार में इसकी मांग बहुत ज्यादा रहती है क्योंकि इससे चिप्स फ्रेंच फ्राइज और कई अन्य खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। इस उत्पादन से किसान आसानी से 6 से 8 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं और खास बात यह है कि इसकी खेती में लागत ज्यादा नहीं आती है। यही वजह है कि कुफरी ख्याति को आलू की सबसे लोकप्रिय और लाभदायक अगेती किस्मों में गिना जाता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से लिखी गई है। खेती से संबंधित किसी भी निर्णय से पहले कृषि विशेषज्ञ या कृषि विज्ञान केंद्र से परामर्श अवश्य लें