Asia Cup 2025: दुबई की पिच पर स्पिनर्स की मुश्किलें, टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन पर बड़ा सवाल

एशिया कप 2025 यूएई में 9 से 28 सितंबर के बीच खेला जाएगा। टीम इंडिया हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुकी है और खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। लेकिन दुबई की गर्मी और उमस भारतीय स्पिनर्स कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। टीम इंडिया किसे मौका देगी और किसे बाहर बैठना पड़ेगा? जानिए पूरी रणनीति और एशिया कप की चुनौतियां।
कुछ महीने पहले ही जब टीम इंडिया ने यूएई की सरज़
सबसे अहम चर्चा ओपनिंग कॉम्बिनेशन को लेकर है लेकिन इसके साथ ही बड़ा मुद्दा टीम इंडिया की गेंदबाज़ी और खासकर स्पिन अटैक का है। फरवरी-मार्च में जब यहां चैंपियंस ट्रॉफी खेली गई थी, तब कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती की जोड़ी ने मिलकर 16 विकेट चटकाए थे। इस दमदार प्रदर्शन ने टीम को ट्रॉफी जिताने में अहम रोल निभाया। लेकिन इस बार तस्वीर थोड़ी अलग है।
यूएई में इस बार सितंबर की उमस और तेज़ गर्मी खिलाड़ियों के लिए बड़ी चुनौती बनने वाली है। क्रिकेट प्रेमियों को भले ही यह फर्क मामूली लगे, लेकिन गेंदबाज़ों के लिए यह खेल पलट देने वाली स्थिति है। स्थानीय बल्लेबाज़ अलीशान शरफू ने बताया है कि नमी और पसीने की वजह से गेंद हाथ से फिसलने लगती है और स्पिनर्स के लिए सही ग्रिप बनाना मुश्किल हो जाता है।
यही वजह है कि सिर्फ 20 ओवर की पारी में भी गेंद पर चमक बनी रहती है, लेकिन हाथ से फिसलने के कारण गेंदबाज़ अपनी लाइन और लेंग्थ पर नियंत्रण खो बैठते हैं। रिस्ट स्पिनर्स यानी कुलदीप और वरुण के लिए यह चुनौती और भी बड़ी हो जाती है।
अब सवाल उठता है कि टीम इंडिया अपनी प्लेइंग इलेवन में क्या बदलाव करेगी? अक्षर पटेल के रूप में टीम के पास एक ऑलराउंडर स्पिनर मौजूद हैं, जो बैटिंग में भी काम आ सकते हैं। वहीं, जसप्रीत बुमराह और अर्शदीप सिंह जैसे पेसर पहले से ही टीम में रहेंगे, जो बल्ले से ज़्यादा योगदान नहीं दे सकते। ऐसे में टीम मैनेजमेंट चार ऐसे गेंदबाज़ नहीं खिलाना चाहेगी, जो बल्लेबाज़ी न कर पाएं।
इसका सीधा मतलब है कि कुलदीप और वरुण में से किसी एक को प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठना पड़ सकता है। यह फैसला आसान नहीं होगा क्योंकि दोनों ही गेंदबाज़ अपने-अपने हुनर से मैच का पासा पलट सकते हैं। लेकिन टीम बैलेंस के लिए यह कदम उठाना ज़रूरी लग रहा है।
भारत के क्रिकेट प्रेमी चाहते हैं कि टीम इंडिया एक बार फिर से एशिया कप ट्रॉफी उठाए। पर जीत सिर्फ बैट और बॉल की ताकत से नहीं मिलती, बल्कि सही रणनीति और हालात के हिसाब से ढली प्लेइंग इलेवन से मिलती है। ऐसे में कप्तान और टीम मैनेजमेंट पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे सही कॉम्बिनेशन चुनकर मैदान में उतरें और करोड़ों दिलों की धड़कन बनें