आगरा- उत्तर प्रदेश आगरा जिले में उफना रही यमुना नदी का जलस्तर वाटर वर्क्स पर खतरे के निशान पांच सौ मीटर को पार कर गया है।
यमुना में बढ़ता पानी नदी किनारे बसी कालोनियों, बस्तियों और गांवों में घुस चुका है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। निचले इलाकों के निवासियों के लिए बाढ़ शरणालयों की स्थापना की गई है। नालों के बैक मारने से यमुना किनारे की डेढ़ दर्जन कॉलोनियों तक में यमुना का पानी भर गया है।
जिला प्रशासन ने घाटों के निकट बैरीकेडिंग करा दी है। लोगों से नदी की तरफ न जाने के लिए अनुरोध किया जा रहा है। लोगों से जरूरी दस्तावेज, खाने का कुछ सामान सहित अन्य वस्तुएं अपने पास रखने की अपील की गई है।
सिंचाई विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, रविवार की दोपहर दो बजे तक वाटर वर्क्स पर यमुना नदी का जलस्तर बढ़ कर 500.01 फीट हो गया। इसमें बढ़ोत्तरी जारी है। यहां अलर्ट का लेवल 496.71 फीट, खतरे का लेवल 500 फीट और हाई फ्लड लेवल 507.74 फीट पर है।
मीडियम फ्लड लेविल में प्रभावित होने वाले ग्राम तहसील सदर में बुर्ज, नगला छीतर सिंह, मेहरा नाहरगंज, महल बादशाही, नगला तल्फी, नगल पैमा, तहसील फतेहाबाद में शाहिदपुर, वीरपुरा, बेहड़, पारौली सिकरवार, बिचौला, गिदरौन, तहसील एत्मादपुर में नगला धीमर, बढ़नुपरा, रहनकलां, नगला कटा आदि हैं।
फतेहाबाद में पुराना तनौरा गांव पूरी तरह से संपर्क विहीन हो गया है। चारों तरफ से बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण करीब एक हजार की आबादी संकट में फंसी हुई है। एत्मादपुर में गदपुरा गांव को खतरा पैदा हो गया है। गांव छोटा सुरहरा, बड़ा सुरहरा, नगला शीशीया, गढ़ी संपत्ति, रायपुर के अलावा केशोराय, रुधऊ (टूंडला), नूरपुर (डौकी) क्षेत्र के गांवों की हजारों बीघा फसल डूब गई है। सुरहरा गांव की सड़क पानी में डूब गई।
खंदौली में भी बढ़ते जलस्तर के कारण लोगों की नींद उड़ गई है। लोगों ने मकानों की पहली मंजिल पर सामान रखना शुरू कर दिया है। गिजौली गांव के किनारे बने मकानों तक पानी पहुंच गया है। मदनपुर, डेरा बंजारा, धीगरौली, नगला गोदा समेत आधा दर्जन गांवों पर भी खतरा मंडरा रहा है।