बाराबंकी में रामस्वरूप यूनिवर्सिटी पर बुलडोजर की कार्रवाई, पुलिस ने ABVP छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर यहीं पीटा था

बाराबंकी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं और विश्वविद्यालय अधिकारियों के बीच 01 सितंबर को हुई हिंसक झड़प के बाद मामला नया मोड़ ले गया है। शनिवार को प्रशासन ने बाराबंकी स्थित श्री रामस्वरूप विश्वविद्यालय परिसर के अंदर नवनिर्मित पशुशाला और अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त किया। इस कार्रवाई के कारण लखनऊ में होने वाला भाजपा का "एक राष्ट्र एक चुनाव" छात्र नेतृत्व सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है।
यह कार्रवाई एबीवीपी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों के बाद हुई थी, जिसमें विश्वविद्यालय के ग्राम समाज की जमीन और सरकारी तालाबों पर कथित अवैध अतिक्रमण की बात कही गई थी। राजस्व विभाग की जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद तहसील प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की।
स्थानीय ग्राम प्रधान रामनाथ यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय पिछले 17 वर्षों से खुजेर गाँव में ग्राम सभा की लगभग 2 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा किए हुए था। विश्वविद्यालय ने न केवल गाँव की भूमि, बल्कि दो तालाबों, सार्वजनिक रास्तों और जल निकासी भूमि पर भी अतिक्रमण किया। 2013 में पूर्व ग्राम प्रधान रानी द्वारा भी शिकायतें दर्ज कराई गई थीं, पर कार्रवाई नहीं हुई।
01 सितंबर की झड़प में पुलिस को एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करना पड़ा था। इसके बाद प्रशासन ने विस्तृत भूमि सर्वेक्षण शुरू किया, जो शनिवार को तोड़फोड़ में परिणत हुआ। विवाद के बीच एबीवीपी ने लखनऊ में होने वाले छात्र सम्मेलन को स्थगित कर दिया और राज्य सरकार तथा भाजपा से दूरी बनानी शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार एबीवीपी पदाधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी नाराज हैं।
उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अपर सचिव डॉ. दिनेश कुमार की शिकायत पर नगर कोतवाली में विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपों में धोखाधड़ी, जालसाजी और दस्तावेज़ों में हेरफेर शामिल हैं। डॉ. कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय ने बिना मान्यता छात्रों को दाखिला देकर कानूनी मानदंडों का उल्लंघन किया। हालांकि, विवाद के एक दिन बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 3 सितंबर को एलएलबी कार्यक्रम की मान्यता बहाल कर दी।