नयी दिल्ली। विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) ने ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत में पॉजिटिव टेस्ट का प्रतिशत लगातार कम हो रहा है, लेकिन अभी भी यहां सबसे अधिक डोपिंग उल्लंघन के मामले सामने आ रहे हैं।
वाडा मंगलवार को जारी ‘2024 एंटी-डोपिंग टेस्टिंग फिगर्स रिपोर्ट’ में बताया गया है कि भारत में टेस्टिंग में काफी बढ़ोतरी हुई है। जहां 2021 में 1794 टेस्ट किए गए थे, वहीं 2022 में टेस्ट की संख्या 3865 थी। 2023 में यह संख्या बढ़कर 5606 हो गई, और 2024 में कुल 7113 टेस्ट किए गए। 2025 में, 16 दिसंबर तक 7068 टेस्ट किए गए हैं।
ये टेस्ट विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में इन-कॉम्पिटिशन और आउट-ऑफ-कॉम्पिटिशन दोनों तरह के एथलीटों को कवर करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन देशों ने पांच हजार या उससे अधिक परीक्षण किए हैं, उनमें भारत में सबसे अधिक उल्लंघन के मामले पाए गए हैं। भारत ने पिछले साल 7,113 परीक्षण (6,576 मूत्र के नमूने और 537 रक्त के नमूने) किए हैं, जिसमें 260 प्रतिकूल नतीजे आए, जो 3.6 प्रतिशत की पॉजिटिव दर है जो सभी प्रमुख देशों में सबसे अधिक है।
भारत की राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) की डोप कम करने की पहलों में स्वच्छ खेल को बढ़ावा देने के लिए देश भर में बड़े पैमाने पर शिक्षा के प्रयास शामिल हैं। 2024 में, खेल आयोजनों और प्रशिक्षण शिविरों के दौरान लगभग 280 एंटी-डोपिंग वर्कशॉप आयोजित की गईं, जिनमें लगभग 37,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, 16 दिसंबर तक कुल 329 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।