सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एससीबीए से पूछा- जूते फेंकने की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है..!
नई दिल्ली। कोर्ट रूम में पूर्व चीफ जस्टिस बीआर गवई की ओर जूता उछालने के मामले पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) से पूछा है कि ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मीडिया में ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग को लेकर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के लिए सुझाव भी मांगे।
बतादें कि 27 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय ने इस मामले के आरोपित वकील राकेश किशोर को अवमानना का नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अवमानना नोटिस जारी करना उसे बेवजह तव्वजो देना होगा। बेहतर होगा कि यह विवाद अपने आप खत्म हो जाए। कोर्ट ने कहा था कि इस केस में कोर्ट रूम में नारे लगाए गए, जूता उछाले गए। ये चूंकि अवमानना सीधे कोर्ट में हुई, ऐसे में इसमे कार्रवाई करने का अधिकार संबंधित जज के पास था पर उन्होंने कोई कार्रवाई न करने का विकल्प चुना। हालांकि कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए वो दिशा-निर्देश जारी करेगा। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से इस बारे में सुझाव मांगा है।
16 अक्टूबर को अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने राकेश किशोर के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने पर अपनी सहमति दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी। विकास सिंह ने कहा था कि जूता फेंकने की घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वकील राकेश किशोर को कोई पछतावा नहीं है।
06 अक्टूबर की सुबह राकेश किशोर नामक वकील ने चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंका था, लेकिन जूता चीफ जस्टिस के पास नहीं पहुंच सका। जब उसने चीफ जस्टिस की तरफ जूता फेंकने की कोशिश की तो कोर्ट रूम में मौजूद दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल ने उसे तुरंत पकड़ लिया। पुलिस जब उसे कोर्ट रूम से ले जा रही थी उसने जोर से बोला "सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।" राकेश किशोर की उम्र 71 साल है। वह चीफ जस्टिस गवई के उस बयान से आहत था जिसमें उन्होंने ने भगवान विष्णु को लेकर टिप्पणी की थी। इस घटना के बाद वकील संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रदर्शन भी किया था।
