इंडिगो संकट: दिल्ली हाईकोर्ट का मुआवजा और जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंडिगो से जुड़े संकट की जांच और प्रभावित यात्रियों को चार गुना मुआवजा देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर उच्च न्यायालय पहले ही एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिकाकर्ता को लंबित याचिका में पक्षकार बनने के लिए याचिका दायर करनी चाहिए।
याचिका एनजीओ सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज की ओर से दायर की गई थी। याचिका में इंडिगो के उड़ानों को रद्द किए जाने से एयरपोर्ट पर परेशान हुए यात्रियों को किराये का चार गुना मुआवजा देने की मांग की गई थी। याचिका में इंडिगो संकट के पूरे मामले की जांच की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को इस मामले में पक्षकार बनने के लिए याचिका दायर करनी चाहिए थी जिसे हम मंजूर भी कर लेते।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 10 दिसंबर को इंडिगो से जुड़े संकट मामले पर संज्ञान ले लिया था। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने इंडिगो पर सवाल उठाते हुए कहा था कि फ्लाइट ड्यूटी लिमिटेशन का पालन सुनिश्चित करने के लिए इंडिगो द्वारा उठाए जाने वाले उपायों में से एक पर्याप्त संख्या में पायलटों की नियुक्ति होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा लगता है कि इंडिगो ने समय रहते आवश्यक संख्या में पायलटों की नियुक्ति नहीं की, जिससे फ्लाइट ड्यूटी लिमिटेशन का अनुपालन सुनिश्चित हो सके। उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और इंडिगो को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या आप इतने असहाय हैं कि एयरलाइंस के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचक रहे हैं। उच्च न्यायालय ने कहा था कि ऐसे हालात बनने ही क्यों दिए गए, जिसमें लाखों यात्री एयरपोर्ट पर बिना सहायता के फंसे रहे।
