सिंहावलोकन 2025: अंतरिक्ष की दुनिया में भारत का 'स्वर्णिम वर्ष'
नई दिल्ली। साल 2025 में भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में कई बड़ी और ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं हैं। इस वर्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 200 से ज्यादा सफल अंतरिक्ष मिशन पूरे किए। इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि 2015 से 2025 के बीच जितने मिशन हुए वे 2005 से 2015 के मुकाबले लगभग दोगुने हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनवरी 2025 से अब तक 200 से अधिक बड़ी उपलब्धियां हासिल की गईं।
28 मार्च 2025 को इसरो ने अपने सेमी-क्रायोजेनिक इंजन (एसई2000) का सफल “हॉट टेस्ट” किया। इससे भारत की रॉकेट तकनीक और ज्यादा मजबूत हुई। भारत को पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 से भी बड़ी उपलब्धि मिली। यह मिशन सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु पर स्थित है। इसरो ने इस मिशन से जुड़ा लगभग 15 टेराबाइट वैज्ञानिक डेटा दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए जारी किया। यह डेटा सूर्य और अंतरिक्ष-मौसम अनुसंधान को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इसी साल इसरो और नासा ने मिलकर निसार (एनआईएसएआर) नाम का एक खास पृथ्वी अवलोकन उपग्रह लॉन्च किया। यह दुनिया का पहला रडार इमेजिंग सैटेलाइट है, जो दो अलग-अलग फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करता है। यह उपग्रह भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी, भूस्खलन, बर्फ की चादरों के पिघलने और पर्यावरण में हो रहे बदलावों का अध्ययन करेगा। 29 जनवरी 2025 को इसरो ने श्रीहरिकोटा से 100वां रॉकेट प्रक्षेपण किया।
इस मिशन में जीएसएलवी-एफ15 रॉकेट के जरिए एनवीएस-02 उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा गया। इसे जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। हालांकि इसके ऑर्बिट बढ़ाने वाले इंजन में थोड़ी समस्या आई, जिससे यह तय कक्षा में नहीं पहुंच पाया, फिर भी यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक मिशन रहा। इस साल जनवरी में भारत ने स्पैडेक्स (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) के तहत अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक जोड़ा। 16 जनवरी 2025 को इसरो ने स्पैडेक्स के दो उपग्रह एसडीएक्स-01 और एसडीएक्स-02 को डॉक किया।
इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। यह सफलता भविष्य में चंद्रमा पर मानव भेजने और अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के लिए बहुत जरूरी है। साल 2025 की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक यह रही कि पहली बार कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचा। इसी के साथ वह राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत आईएसएस गए। उन्होंने करीब 18 दिन अंतरिक्ष में बिताए, जिससे पूरे देश को बहुत गर्व महसूस हुआ।
