'वंदे मातरम' पर सदन की एडवाइजरी से संसद में बवाल, विपक्ष ने जताया कड़ा एतराज; बीजेपी पर हमलावर
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी एक एडवाइजरी (सलाह) ने सदन के अंदर नया विवाद खड़ा कर दिया है। यह एडवाइजरी सदन में 'वंदे मातरम' जैसे नारे नहीं लगाए जाने से संबंधित है, जिस पर विपक्षी दलों ने कड़ा एतराज जताते हुए इसे देशभक्ति पर रोक लगाने जैसा बताया है।
क्या है राज्यसभा सचिवालय का बुलेटिन?
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सलाह: राज्यसभा सचिवालय ने 24 नवंबर को एक बुलेटिन जारी किया था, जिसमें सदस्यों को सदन के अंदर किसी भी तरह के नारे नहीं लगाने की सलाह दी गई थी। यह एक सामान्य संसदीय शिष्टाचार को बनाए रखने का प्रयास था।
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बवाल का कारण: विपक्ष का आरोप है कि यह सलाह परोक्ष रूप से 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' जैसे देशभक्ति के नारों पर रोक लगाने की ओर इशारा करती है।
विपक्ष का रुख: 'देशभक्ति के प्रतीकों पर रोक गलत'
विपक्षी दल इस एडवाइजरी को लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं। विपक्ष का तर्क है कि:
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देशभक्ति का प्रतीक: 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' जैसे नारे देशभक्ति के प्रतीक हैं और इन्हें लगाना किसी भी तरह से सदन की मर्यादा का उल्लंघन नहीं है।
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रोक गलत: इन नारों पर रोक लगाने या इन्हें लगाने से रोकने की सलाह देना गलत है और यह अभिव्यक्ति की भावना के विपरीत है।
विपक्ष ने इस मुद्दे को बीजेपी के खिलाफ एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिससे संसद का माहौल और अधिक गर्मा सकता है। विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी जानबूझकर इस तरह की अनावश्यक पाबंदियाँ लगा रही है।
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