संसद सत्र के बीच अखिलेश यादव का बीजेपी-चुनाव आयोग पर हमला, बोले- 'हार से बचने के लिए SIR करा रही है बीजेपी'
नई दिल्ली/लखनऊ। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने बाहर मीडिया से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और निर्वाचन आयोग (EC) पर कई तीखे हमले किए। अखिलेश यादव ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में 2024 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद से बीजेपी बेचैन है और आगामी चुनावों में संभावित हार से बचने के लिए वह 'SIR' (स्पेशल समरी रिवीजन) की प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
SIR की समय सीमा बढ़ाने की मांग
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे 'SIR' (मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण) अभियान की टाइमिंग पर सवाल उठाया।
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शादियों के सीजन पर सवाल: उन्होंने कहा कि शादियों के सीजन में 'SIR' कराने की मंशा क्या है? उन्होंने दावा किया कि लोग व्यस्त हैं और उन्हें मतदाता बनने या सूची में नाम जुड़वाने का पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है।
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EC से मांग: सपा प्रमुख ने चुनाव आयोग से 'SIR' की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। उनका तर्क है कि उत्तर प्रदेश में अभी विधानसभा चुनाव होने में समय है, तो इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है।
बीजेपी पर बेचैनी का आरोप
सपा अध्यक्ष ने साफ कहा कि बीजेपी उत्तर प्रदेश की हार के बाद से ही बैचेन है और इसीलिए वह चुनाव आयोग के माध्यम से इस प्रक्रिया को जल्दबाजी में पूरा करवाना चाहती है ताकि लोगों के नाम कट जाएं या जुड़ न पाएं।
बीजेपी का पलटवार
अखिलेश यादव के इन आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी नेताओं का कहना है:
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EC का कार्य: 'SIR' पूरी तरह से चुनाव आयोग का संवैधानिक प्रोसेस है, और इसे कराने का फैसला आयोग का होता है।
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अनावश्यक घेराव: ऐसे में सपा प्रमुख द्वारा बीजेपी को घेरने का कोई मतलब नहीं है। यह सपा की आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीतिक बयानबाजी है।
संसद सत्र शुरू होने के साथ ही सपा प्रमुख द्वारा यह बयानबाजी उत्तर प्रदेश की राजनीति में गर्माहट पैदा कर रही है।
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