Business News: आईडीबीआई बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। बैंक का एकल शुद्ध मुनाफा सितंबर तिमाही में लगभग दोगुना होकर ₹3,627 करोड़ तक पहुंच गया। कंपनी ने शनिवार को अपने वित्तीय परिणाम जारी करते हुए बताया कि इस तेज उछाल के पीछे नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) में अपने निवेश की बिक्री से प्राप्त भारी लाभ मुख्य वजह रहा।
एलआईसी के नियंत्रण वाले बैंक की रणनीतिक चाल से बढ़ा भरोसा
एलआईसी नियंत्रित इस बैंक ने जुलाई-सितंबर 2024 में ₹1,836 करोड़ का मुनाफा दिखाया था। लेकिन अब उसने सिर्फ एक वर्ष में ही लगभग 98% की जबरदस्त छलांग लगाई है। बैंक ने बीएसई को दी गई जानकारी में बताया कि उसने अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के तहत ₹799.87 प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर कुल 2.22 करोड़ इक्विटी शेयरों की पेशकश की थी। एनएसडीएल में अपनी 11.11% हिस्सेदारी बेचकर बैंक को ₹1,698.96 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ है, जिसने इसकी वित्तीय स्थिति को और मज़बूत किया।
ब्याज आय में नरमी
आईडीबीआई बैंक ने बताया कि वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसका परिचालन लाभ 17% बढ़कर ₹3,523 करोड़ हो गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह ₹3,006 करोड़ था। हालांकि ब्याज से शुद्ध आय कुछ घटी और यह ₹3,875 करोड़ से घटकर ₹3,285 करोड़ रह गई, लेकिन समग्र प्रदर्शन ने बाज़ार में सकारात्मक संकेत दिए हैं।
भरोसे की बुनियाद हुई और मजबूत
सितंबर 2025 तक बैंक का कुल कारोबार ₹5,33,730 करोड़ का रहा, जो सालाना 12% की वृद्धि दर्शाता है। बैंक ने बताया कि उसका सकल एनपीए अनुपात पिछले वर्ष के 3.68% से घटकर 2.65% हो गया है, जबकि शुद्ध एनपीए भी 0.20% से मामूली बढ़कर 0.21% पर बना रहा। यह स्पष्ट संकेत है कि बैंक की एसेट क्वालिटी में निरंतर सुधार हो रहा है।
बाजार में बढ़ रहा ग्राहक विश्वास
आईडीबीआई बैंक ने जानकारी दी कि 30 सितंबर, 2025 तक उसकी कुल जमा ₹3 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गई। चालू खाता और बचत खाता (CASA) जमा ₹1,39,036 करोड़ रही और CASA अनुपात 45.81% पर स्थिर बना। यह आंकड़े बैंक में बढ़ते ग्राहक विश्वास और वित्तीय अनुशासन का परिणाम हैं।