लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि सत्ता की चाबी हासिल करने पर ही दलितों को सामाजिक, राजनितिक, आर्थिक शोषण, अन्याय और अत्याचार से मुक्ति मिल सकती हैं। प्रदेश में चार बार सरकार होने पर बसपा ने यह करके दिखाया है।
मायावती ने रविवार काे राज्यों के पदाधिकारियों संग पार्टी कार्यालय में बैठक की। इस दौरान उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश के साथ कोर्ट पर हुई अप्रिय घटना और हरियाणा राज्य के पुलिस अधिकारी के आत्महत्या की घटना को दुखद बताया है। उन्हाेंने कहा कि ये घटनाएं संवैधानिक सरकार और सभ्य समाज दोनों के लिए चिंता का विषय है। इस पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार व जिम्मेदार संस्थानों से गंभीरता देखने को नहीं मिली, जो वास्तव में कानून के राज्य में होना चाहिए। यह चिंता का विषय है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि बसपा दूसरी पार्टियों की तरह धन्नासेठों के सहारे चलने वाली पूंजीवादी स्वाभाव वाली पार्टी नहीं है। बल्कि संविधान के मानवतावादी व जनक्ल्याणकारी सोच की अम्बेडकरवादी पार्टी है। बैठक में मौजूद पदाधिकारियों ने मायावती को 09 अक्टूबर को बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर बसपा यूपी के महा आयोजन की हुई ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी है। कार्यकर्ताओं ने भी उनके संदेश को गांव-गांव पहुंचाने ओर राज्य में बसपा के जनाधार को बढ़ाकर उन्हें सत्ता में भागीदार बनाने के लिए पूरी जी जान लगा देंगे। इस हौसले और समपर्ण भाव के लिए मायावती ने सभी का आभार प्रकट किया।
मायावती ने देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, महिला असुरक्षा को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि संविधान के जनहित व जनकल्याणकारी उद्देश्यों को त्याग कर, सरकारों के संकीर्ण राजनीति स्वर्थ में लिप्त होने से जन व देशहित प्रभावित हो रहा है। देश के स्वाभाविक विकास को बधित कर रहा है, जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।