LIC ने खोला अदाणी ग्रुप में निवेश का पूरा लेखा–जोखा: संसद में खुलासा, 48,284 करोड़ की बड़ी हिस्सेदारी पर उठा पर्दा
Lic Investment: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही एलआईसी द्वारा अदाणी ग्रुप में किए गए निवेश का मुद्दा सामने आया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से दिए गए आधिकारिक जवाब में स्पष्ट किया गया कि 30 सितंबर 2025 तक लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का अदाणी ग्रुप में कुल निवेश ₹48,284.62 करोड़ है। यह निवेश इक्विटी और डेट- दोनों रूपों में है। इस खुलासे के बाद उन सभी सवालों और चर्चाओं का जवाब मिल गया, जो पिछले कई महीनों से लोगों के मन में उठ रहे थे।
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LIC के निवेश में क्या सरकार की कोई भूमिका?
वित्त मंत्रालय ने कहा कि DFS या वित्त मंत्रालय एलआईसी को निवेश संबंधी कोई निर्देश नहीं देता। एलआईसी के सभी निवेश निर्णय पूरी तरह उसके बोर्ड, आंतरिक समितियों और विशेषज्ञ टीमों द्वारा लिए जाते हैं। ये सभी निर्णय IRDAI, SEBI और RBI के नियमों के अनुसार किए जाते हैं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि एलआईसी का निवेश ढांचा पूरी तरह पेशेवर और नियामक मानकों के तहत संचालित होता है।
ड्यू डिलिजेंस कौन करता है और कैसे होता है?
एलआईसी के हर निवेश को कई स्तरों पर जांच-परख से गुजरना पड़ता है। इसमें Concurrent Auditors, Statutory Auditors, System Auditors, Internal Vigilance Teams और IRDAI के निरीक्षण शामिल हैं। इन सभी प्रक्रियाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निवेश सुरक्षित, उचित और नियमों के अनुसार हो।
अदाणी ग्रुप में एलआईसी का कुल एक्सपोजर कितना?
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया कि 30 सितंबर 2025 तक एलआईसी का अदाणी समूह में कुल एक्सपोजर ₹48,284.62 करोड़ है। इसमें इक्विटी निवेश ₹38,658.85 करोड़ और शेष राशि डेट निवेश के रूप में शामिल है। यह आंकड़ा साफ दिखाता है कि अदाणी ग्रुप एलआईसी के बड़े पोर्टफोलियो का सिर्फ एक हिस्सा है, कोई असाधारण केंद्रित निवेश नहीं।
क्या एलआईसी ने सभी निजी कंपनियों की निवेश सूची दी?
सरकार ने कहा कि व्यावसायिक हितों की सुरक्षा के चलते सभी निजी कंपनियों की विस्तृत निवेश सूची सार्वजनिक करना संभव नहीं है। ऐसे डेटा को ‘Commercially Prudent’ माना जाता है। हालांकि सरकार ने संसद के लिए शीर्ष पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर कंपनियों में एलआईसी के एक्सपोजर का कुल सारांश प्रस्तुत किया।
एलआईसी ने यह भी कहा कि उसका अधिकतर निवेश NSE और BSE की टॉप 500 कंपनियों में केंद्रित होता है। इसके अलावा निफ्टी 50 कंपनियों में एलआईसी का लगभग 46% निवेश है। यानी अदाणी ग्रुप एक बड़े और विविधीकृत पोर्टफोलियो का केवल एक हिस्सा है।
पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर में एलआईसी का कुल निवेश क्या है?
सरकार द्वारा दिए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 30 सितंबर 2025 तक एलआईसी का निवेश इस प्रकार है:
- इक्विटी बुक वैल्यू: ₹2,35,469.10 करोड़
- डेट बुक वैल्यू: ₹2,62,695.00 करोड़
- कुल: ₹4,98,164.10 करोड़
- प्राइवेट सेक्टर:
- इक्विटी बुक वैल्यू: ₹7,04,024.67 करोड़
- डेट बुक वैल्यू: ₹2,02,046.00 करोड़
- कुल: ₹9,06,070.67 करोड़
- दोनों का कुल योग:
- ₹14,04,234.77 करोड़
