चांदी 2 लाख रुपये के स्तर की ओर, जानिए क्यों बढ़ रही हैं कीमतें और कैसे निवेशक कमा सकते हैं भारी मुनाफा

Silver Price Hike: चांदी की कीमतें इस साल अब तक 60,300 रुपये बढ़कर सोमवार को 1.50 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। 31 दिसंबर, 2024 को चांदी का भाव 89,700 रुपये प्रति किलोग्राम था। इस तरह, चांदी ने 67.22 फीसदी का भारी रिटर्न दिया है। निवेशकों के लिए यह साल सबसे मजबूत साबित हुआ है, जबकि सोने और शेयर बाजार की तुलना में चांदी ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
वैश्विक तनाव और डॉलर में कमजोरी ने बढ़ाई चमक
सोना भी रिकॉर्ड स्तर पर, निवेशकों को मिली राहत
चांदी के साथ-साथ सोने ने भी निवेशकों को खुश किया है। जनवरी 2025 से अब तक सोने के भाव 40,550 रुपये बढ़कर 1,19,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना दो फीसदी बढ़कर 3,824.6 डॉलर प्रति औंस और चांदी बढ़कर 47.18 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है।
20 साल में 922 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न
चांदी ने निवेशकों को पिछले 20 वर्षों में 922 फीसदी का रिटर्न दिया है। हालांकि, इस दौरान उतार-चढ़ाव भी देखने को मिला। उदाहरण के लिए, 2010 में 72 फीसदी, 2020 में 44 फीसदी रिटर्न मिला, जबकि 2013-14 में 24 फीसदी से अधिक गिरावट भी दर्ज की गई। 2025 में चांदी ने फिर 67.22 फीसदी का रिटर्न देकर मजबूत प्रदर्शन किया।
चांदी अभी भी सस्ती, निवेशकों के लिए अवसर
सोना-चांदी का औसत अनुपात 65-70 के दायरे में रहा है। 2025 में यह 107 तक बढ़ा, लेकिन अब 85-86 के स्तर पर आ गया है। इससे संकेत मिलता है कि चांदी अभी भी सस्ती है और आने वाले दिनों में निवेशकों को अच्छी कमाई करा सकती है।
बढ़ती कीमतों के पीछे प्रमुख कारण
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
- पिछले पांच वर्षों में वैश्विक औद्योगिक मांग की तुलना में कम रही चांदी की आपूर्ति।
- सोलर पैनल, ई-वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में बढ़ती खपत।
- डॉलर में कमजोरी और वैश्विक तनावों से निवेशकों ने बढ़ाई चांदी की खरीद।