टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के धमाकेदार आईपीओ से हिला बाजार, भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा आईपीओ हब बना

Share Market: पिछले कुछ हफ्तों में घरेलू शेयर बाजारों में आईपीओ की बाढ़ ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को फिर साबित कर दिया है। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, जुटाई गई पूंजी के मामले में भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा आईपीओ बाजार बनकर उभरा है। यह स्थिति ऐसे समय में बनी है जब निफ्टी और सेंसेक्स पिछले 13 महीनों से कोई खास रिटर्न देने में नाकाम रहे हैं, लेकिन निवेशकों की उत्सुकता कम नहीं हुई है।
घरेलू निवेशकों का मजबूत सहारा

निवेशक खोज रहे नए अवसर
व्हाइटओक कैपिटल के सीईओ आशिष पी. सोमैया के मुताबिक, बाजार में फिलहाल काफी पूंजी इंतजार की मुद्रा में है और निवेशक नए अवसरों की तलाश में हैं। जब सेकेंडरी मार्केट ऊंचे स्तर पर पहुंच जाता है और रिटर्न सीमित हो जाते हैं, तब निवेशक आईपीओ जैसे नए रास्तों की ओर देखते हैं। चर्चाओं के अनुसार, टाटा कैपिटल का आईपीओ प्राइवेट डील्स की तुलना में आकर्षक वैल्यूएशन पर लाया जा सकता है, जो इसे निवेशकों के लिए और भी दिलचस्प बना रहा है।
मजबूत सेक्टरों में दिख रहा उत्साह
समैया के अनुसार, वर्तमान दौर में व्हाइट गुड्स और कंज्यूमर सेक्टर तेजी में हैं और निवेशकों का झुकाव इन सेक्टरों की ओर बढ़ रहा है। टाटा एनबीएफसी और एलजी जैसे स्थापित ब्रांड इस सकारात्मक माहौल के बड़े लाभार्थी हैं। ऐसे में उनके आईपीओ में उत्साह और ओवरसब्सक्रिप्शन होना पूरी तरह स्वाभाविक है।
भारत बना चौथा सबसे बड़ा आईपीओ केंद्र
आंकड़ों के मुताबिक, धन जुटाने के मामले में भारत अब अमेरिका, हांगकांग और चीन के बाद चौथे स्थान पर है। कई बार विशेष परिस्थितियों में यह तीसरे स्थान तक भी पहुंच चुका है। सार्वजनिक होने की तैयारी कर रही कंपनियों की लंबी कतार बताती है कि भारत वैश्विक आईपीओ बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
टाटा कैपिटल और एलजी का धमाका
साल 2025 में भी भारत के प्राथमिक बाजार की रफ्तार उच्च स्तर पर बनी हुई है। टाटा कैपिटल ने लगभग 15,512 करोड़ रुपये और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने करीब 11,607 करोड़ रुपये जुटाए। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक 74 भारतीय कंपनियों ने आईपीओ के जरिए कुल 85,241 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी जुटाई है। यह आंकड़ा भारत के मार्केट इतिहास में रिकॉर्ड बनाने की राह पर है।
जबरदस्त ओवरसब्सक्रिप्शन ने बढ़ाया जोश
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया को 54.02 गुना और टाटा कैपिटल को 1.95 गुना ओवरसब्सक्रिप्शन मिला। ये आंकड़े निवेशकों के उस गहरे आत्मविश्वास और भरोसे को चित्रित करते हैं जो भारतीय इक्विटी मार्केट में बना हुआ है, भले ही सेकेंडरी मार्केट में उतार-चढ़ाव क्यों न रहे हों।
क्या है आईपीओ ओवरसब्सक्रिप्शन?
आईपीओ ओवरसब्सक्रिप्शन तब होता है जब कंपनी द्वारा जारी किए गए शेयरों से कहीं अधिक बोलियां निवेशकों की ओर से आती हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कंपनी ने 1 करोड़ शेयर जारी किए और उसे 54 करोड़ शेयरों की बोलियां मिलीं, तो वह आईपीओ 54 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ माना जाता है। यही उच्च मांग किसी कंपनी की मार्केट पॉपुलैरिटी और भविष्य की संभावनाओं को दर्शाती है।