नोएडा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को उन्नत अनुसंधान और विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में नोएडा प्राधिकरण और गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) ने एमओयू (समझौते ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए हैं। जिससे दोनों संस्थानों के बीच अनुसंधान, कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा मिल सके। इस सहयोग का उद्देश्य ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना और क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है।
गुरूवार को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. लोकेश एम. से सेक्टर-6 स्थित कार्यालय में मुलाकात की। वार्ता के दौरान नोएडा और जीबीयू ने जीबीयू परिसर में दो प्रमुख उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से समझौता किया। जिसके तहत सेमीकंडक्टर अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (सीएसआरटी)-सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण क्षेत्र में अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार और औषधि खोज एवं विकास केंद्र-कैंसर उपचार और जैव प्रौद्योगिकी में नवीन औषधि विकास से संबंधित अनुसंधान पर प्रारंभिक ध्यान देने वाली एक विशेष सुविधा पर चर्चा की गई।
प्रतिनिधिमंडल में जीबीयू टीम में डॉ. विश्वास त्रिपाठी, प्रो. राजीव वार्ष्णेय, डॉ. एस धनलक्ष्मी, डॉ. रेखा पुरिया, डॉ. विदुषी शर्मा, डॉ. मंगल दास सहित अन्य शामिल थे।
बता दें कि यह सहयोग नोएडा क्षेत्र को एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र के रूप में स्थापित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और उच्च-कौशल रोजगार के अवसर पैदा करने में एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा।
नोएडा और जीबीयू दोनों ही वित्तपोषण के पैटर्न को अंतिम रूप देने के लिए अपनी चर्चा जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे इन केंद्रों की नींव मजबूत होगी। जीबीयू की टीम संबंधित हितधारकों से फीडबैक भी प्राप्त करेगी और इस पहल की दीर्घकालिक स्थिरता और सफलता सुनिश्चित करने के लिए राजस्व मॉडल पर स्पष्टता प्रदान करेगी।