ग़ाज़ियाबाद में महापौर का सख्त एक्शन,अवैध मीट की दुकान ध्वस्त, लापरवाह अधिकारियों को लगाई फटकार
ग़ाज़ियाबाद। ग़ाज़ियाबाद नगर निगम ने अवैध कब्ज़ों के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर बड़ा एक्शन लिया है। महापौर सुनीता दयाल के नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने वसुंधरा क्षेत्र में लगभग ₹30 करोड़ की कीमत वाली सरकारी भूमि को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराया। इस अभियान के तहत, प्रहलाद गढ़ी क्षेत्र में नगर निगम की लगभग 1600 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध रूप से चल रही मीट की दुकान पर बुलडोजर चलाकर उसे पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया।
महापौर का कड़ा रुख और अधिकारियों को फटकार
महापौर सुनीता दयाल स्वयं बल के साथ मौके पर पहुंचीं और कब्ज़ाधारियों के ख़िलाफ़ बेहद सख़्त रुख अपनाया।
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कब्ज़ाधारियों से सवाल: अवैध तरह से सरकारी ज़मीन पर मीट बेच रहे लोगों से उन्होंने पूछा, "क्या शर्म नहीं आती?" जब लोगों ने बिजली का बिल भरने की बात कही, तो महापौर ने करारा जवाब दिया, "बिजली का बिल भरने से ज़मीन आपकी हो जाएगी? यह क्या संपत्ति आपकी है? यह नगर निगम की संपत्ति है।"
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लापरवाह JE को फटकार: महापौर ने मौके पर मौजूद जेई (जूनियर इंजीनियर) को भी जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा, "तुम भी यहां नहीं रहोगे, तुम्हारे रहते हुए यह कैसे हुआ। डॉक्टर साहब से बताया, मेरे पास आए.. तुम्हारा धंधा चल रहा था। अब तुम यहां रहोगे ही नहीं।" उन्होंने टीम को सभी दरवाजे भरने (कब्ज़े वाली जगह को पूरी तरह सील करने) के निर्देश दिए।
जिस सरकारी जमीन को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराया गया, वह पिछले लगभग 25 वर्षों से कब्ज़ाधारियों के चंगुल में थी। 1600 वर्ग मीटर की इस भूमि पर न केवल मीट की दुकान संचालित की जा रही थी, बल्कि इसका दुरुपयोग निम्न कार्यों के लिए भी हो रहा था:
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अवैध रूप से गाड़ियां खड़ी करना।
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गायों व अन्य पशुओं का पालन।
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पार्किंग के लिए उपयोग।
कार्रवाई शुरू करने से पहले महापौर सुनीता दयाल ने यह सुनिश्चित किया कि पशुओं को सुरक्षित रूप से वहां से निकाला जाए ताकि किसी भी पशु को कोई नुकसान न पहुंचे। इस दौरान आवास विकास परिषद और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
महापौर ने दोहराया कि शहर की बेशकीमती भूमि पर अवैध कब्जे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता शहरवासियों के हितों की रक्षा करना और सार्वजनिक संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है। लोगों को खुद सोचना चाहिए।" उन्होंने आगे भी अवैध निर्माण और कब्ज़ों के ख़िलाफ़ ऐसे ही कार्रवाई जारी रखने की चेतावनी दी है।
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