राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' के 150 वर्ष पूर्ण: मुजफ्फरनगर में गूंजा सामूहिक गायन, PM का संदेश सुना गया
लाला जगदीश प्रसाद सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में मनाई गई राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ
मुजफ्फरनगर। राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को मुजफ्फरनगर जनपद में दो प्रमुख स्थानों – जिला पंचायत सभागार (कलेक्ट्रेट) और रिजर्व पुलिस लाइन – पर भव्य एवं गरिमामयी सामूहिक गायन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री के संबोधन का सजीव प्रसारण भी देखा गया, जिसने अधिकारियों और कर्मचारियों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
कलेक्ट्रेट परिसर: जिलाधिकारी ने किया नेतृत्व
जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कलेक्ट्रेट के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों ने सामूहिक गायन में सहभागिता की।
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नेतृत्व: प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के संबोधन कार्यक्रम के बाद, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने स्वयं राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' का गायन किया, जिसे उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने दोहराया।
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इतिहास पर परिचर्चा: इस अवसर पर राष्ट्रगीत के महत्व पर प्रकाश डाला गया। बताया गया कि यह गीत संस्कृत और बांग्ला भाषा का मिश्रण है, जिसे 1763-1800 के 'संन्यासी विद्रोह' पर आधारित बंकिम चंद्र चटर्जी के प्रसिद्ध उपन्यास 'आनंदमठ' (1882) की कथानक में शामिल किया गया था।
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राष्ट्रीय घोषणा: 'वंदे मातरम्' गीत को भारतीय संविधान सभा द्वारा 24 जनवरी 1950 को 'राष्ट्रीय गीत' घोषित किया गया था।
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उपस्थिति: कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेंद्र कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन संजय कुमार सिंह, जिला प्रवेश अधिकारी संजय कुमार, नगर मजिस्ट्रेट पंकज प्रकाश राठौड़ सहित कलेक्ट्रेट के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
रिजर्व पुलिस लाइन: पुलिसकर्मियों ने लिया संकल्प
रिजर्व पुलिस लाइन के बहुउद्देशीय हॉल में आयोजित कार्यक्रम में पुलिस विभाग ने राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत होकर भागीदारी की।
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आयोजन: कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगीत के इतिहास और महत्व पर संक्षिप्त परिचर्चा से हुआ। इसके पश्चात, उपस्थित समस्त पुलिसकर्मियों द्वारा जोश और समवेत स्वर में 'वंदे मातरम्' का सामूहिक गायन किया गया।
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प्रधानमंत्री का संदेश: पुलिसकर्मियों ने राष्ट्रीय कार्यक्रम का सजीव प्रसारण देखा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश से प्रेरणा ग्रहण की। सभी ने राष्ट्र निर्माण में अपना पूर्ण योगदान देने का संकल्प लिया।
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संदेश: अधिकारियों ने कहा कि 'वंदे मातरम्' केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत माता के प्रति समर्पण, एकता और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है।
शिक्षा संस्थानों में भी गतिविधियां
जनपद के सभी विभागों, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा के स्कूलों और कॉलेजों में भी राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' पर आधारित विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का संपादन किया गया।
इस प्रकार, मुजफ्फरनगर जनपद में राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने का यह अवसर राष्ट्रभक्ति और गौरव के साथ मनाया गया।लाला जगदीश प्रसाद सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल प्रवीण भाल विशिष्ट सेवा मेडल एवं एडम अफसर नवीन पाराशर के निर्देशन में शुक्रवार को वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में थीम आधारित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन बड़े उत्साह एवं देशभक्ति के माहौल में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य अखिलेश कुमार शर्मा एवं वरिष्ठ आचार्य महेश कुमार द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के एनसीसी प्रभारी (एएनओ) राजकमल वर्मा, सीटीओ विक्रांत कुमार सहित समस्त शिक्षकगण उपस्थित रहे। एनसीसी कैडेट्स एवं विद्यार्थियों ने ‘वंदे मातरम’ विषय पर सुंदर, प्रेरणादायक और देशभक्ति से ओत-प्रोत पोस्टर बनाकर अपनी सृजनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
विद्यार्थियों ने अपने चित्रों के माध्यम से माँ भारती के प्रति समर्पण, त्याग और राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया। प्रधानाचार्य अखिलेश कुमार शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत माता के प्रति श्रद्धा, आत्मसम्मान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। इसने स्वतंत्रता संग्राम में जन-जन को प्रेरित किया और देशभक्ति की ज्वाला प्रज्वलित की। उन्होंने आगे कहा कि आज के युवा पीढ़ी को ‘वंदे भारत’ के सपने को साकार करने के लिए राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन सीटीओ विक्रांत कुमार द्वारा किया गया एवं आभार व्यक्त एएनओ राजकमल वर्मा ने किया। कार्यक्रम के अंत में ‘जय हिंद’ एवं ‘भारत माता की जय’ के गगनभेदी नारों से विद्यालय का वातावरण गूंज उठा।
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