देहरादून का बिल्डर शाश्वत गर्ग पूरे परिवार के साथ 21 दिन से लापता, 'इंपीरियल वैली' पर RERA ने लगाई रोक
देहरादून। देहरादून के रियल एस्टेट जगत में हड़कंप मच गया है। करोड़ों के प्रोजेक्ट 'इंपीरियल वैली' पर काम कर रहे बिल्डर शाश्वत गर्ग अपने पत्नी साक्षी, बेटे रिधान और माता-पिता के साथ पिछले 21 दिनों से लापता हैं। इस गंभीर घटना के बाद, रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने तुरंत एक्शन लेते हुए 3 नवंबर को ही इस प्रोजेक्ट के प्लॉटों की बिक्री पर रोक लगा दी है।
RERA ने प्लॉट बिक्री पर क्यों लगाई रोक?
रेरा प्रभारी अमिताभ मैत्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें 3 नवंबर को शाश्वत गर्ग से प्लॉट खरीदने वाले कमल गर्ग से एक शिकायत पत्र मिला था, जिसमें बिल्डर के भाग जाने की बात कही गई थी।
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अवैध बिक्री का खुलासा: अमिताभ मैत्रा ने खुलासा किया कि शाश्वत गर्ग ने कंप्लीशन सर्टिफिकेट जमा कराए बिना ही अवैध तरीके से प्लॉटों को बेचना शुरू कर दिया था, जो कि गैर कानूनी है।
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RERA का एक्शन: जैसे ही उन्हें इस बड़े धोखे की आशंका हुई, उन्होंने तत्काल प्रभाव से प्लॉटों की बिक्री पर रोक लगा दी ताकि बाकी लोगों का नुकसान न हो। इसके साथ ही बैंक अकाउंट भी फ्रीज करने के लिए संबंधित विभागों को लिखा गया है और शाश्वत को पेश होने के आदेश जारी किए गए हैं।
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पुरानी धोखाधड़ी में भी नाम: RERA प्रभारी ने यह भी खुलासा किया कि शाश्वत गर्ग का कुछ समय पहले गोल्डन एरा प्रोजेक्ट में हुई धोखाधड़ी में भी नाम आया था।
32 बीघा जमीन और 74 प्लॉट
इंपीरियल वैली प्रोजेक्ट 32 बीघा जमीन में विकसित किया जा रहा है, जिसमें 74 प्लॉट काटे गए हैं। इनमें से 14-15 लोगों को प्लॉट बेच भी दिए गए थे, लेकिन अभी तक इनकी रजिस्ट्री नहीं हुई थी।
शिकायतकर्ता कमल गर्ग ने बताया कि उनकी शाश्वत गर्ग से आखिरी बार बात 16 अक्टूबर को हुई थी, जिसके बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
कहां और कैसे लापता हुआ परिवार?
शाश्वत की पत्नी साक्षी के भाई सुलभ गोयल के मुताबिक, शाश्वत, साक्षी, बेटे रिधान और उनके माता-पिता 16 अक्टूबर को देहरादून से हापुड़ पहुंचे थे। उन्होंने 17 अक्टूबर को देहरादून लौटने की बात कही, लेकिन वे नहीं पहुंचे।
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आखिरी संपर्क: भाईदूज पर शाश्वत ने परिवार को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर लौटने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बाद से परिवार का किसी भी सदस्य से संपर्क नहीं हो पाया है।
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गाड़ियां मिलीं हरिद्वार में: लापता परिवार दो वाहनों—हुंडई क्रेटा (UK07-FK-0018) और हुंडई ट्यूसॉन (UK07-FL-9369)—में सफर कर रहा था। पुलिस को दोनों गाड़ियों की लोकेशन हरिद्वार में मिलीं, जिसके बाद गाड़ियां परिजनों को सौंप दी गईं।
गाजियाबाद से भी रजिस्टर्ड हैं कंपनी
शाश्वत गर्ग कुल 3 कंपनियों में निदेशक हैं, जिनमें रिधान होम्स एलएलपी, गोल्डन एरा इंफ्राटेक और रिधान बिल्डवेल एलएलपी शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन तीन में से एक कंपनी गाजियाबाद से भी रजिस्टर्ड है, जबकि दो देहरादून से हैं। रिधान बिल्डवेल एलएलपी के दो ही डायरेक्टर हैं: शाश्वत और उनकी पत्नी साक्षी।
देहरादून में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
यह पहली बार नहीं है जब देहरादून में कोई बिल्डर अचानक लापता हुआ हो। 2020 में पुष्पांजलि इंफ्राटेक के निदेशक दीपक मित्तल और उनकी पत्नी राखी मित्तल भी संदिग्ध हालात में गायब हो गए थे। उन पर 90 फ्लैट खरीदारों से 45 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट उपेंद्र दुबे ने टिप्पणी की है कि कंपनियों की यह स्थिति ठीक नहीं कही जा सकती है, हालांकि एलएलपी फर्म में पार्टनर की जिम्मेदारी सीमित होती है।
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