मुज़फ्फरनगर में सिंचाई विभाग के नाले में अवैध पाइपों के खिलाफ भाकियू का हल्ला बोल, दफ्तर पर दिया धरना
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने सिंचाई विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को भाकियू (अराजनैतिक) के कार्यकर्ताओं ने अधिशासी अभियंता के कार्यालय पर उग्र प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन गांव रुड़कली तालाब अली में सिंचाई विभाग के नाले में अवैध तरीके से मोटे पाइप डालकर सड़क बनाने के विरोध में किया गया।
यह प्रदर्शन भाकियू (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी धर्मेंद्र मलिक के बैनर तले आयोजित किया गया, जिसमें किसानों ने अपनी एकजुटता दिखाई। प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्य रूप से मोरना ब्लॉक अध्यक्ष अंकित जावला और महानगर अध्यक्ष शहजाद राव ने किया। इनके नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता और किसान अधिशासी अभियंता कार्यालय पर गरजे।
'पाइप हटने तक आंदोलन जारी रहेगा'
प्रदर्शनकारी किसानों और कार्यकर्ताओं का रुख स्पष्ट है। उनका कहना है कि सिंचाई विभाग के नाले में अवैध रूप से डाले गए इन मोटे पाइपों के कारण पानी के प्राकृतिक बहाव में बाधा उत्पन्न हो रही है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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मुख्य मांग: प्रशासन द्वारा इन अवैध पाइपों को तत्काल बाहर निकाला जाए।
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आंदोलन की चेतावनी: भाकियू (अराजनैतिक) ने कड़ी चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग को अनसुना किया गया या प्रशासन ने ढुलमुल रवैया अपनाया, तो वे जल्द ही एक अनिश्चितकालीन धरने के लिए मजबूर होंगे, और यह आंदोलन पाइप हटाए जाने तक जारी रहेगा।
सिंचाई विभाग के नाले, रजवाहे और नहरों के आसपास अतिक्रमण और अवैध निर्माण अक्सर पानी के बहाव को बाधित करते हैं, जिससे किसानों की फसलों को नुकसान होता है। रुड़कली तालाब अली का यह मामला इसी तरह के अवैध निर्माण का उदाहरण है, जिसके खिलाफ भाकियू ने आंदोलन का रास्ता चुना है।
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