मुजफ्फरनगर में ग्रामीणों का चकबंदी कार्यालय पर प्रदर्शन, विधवा की जमीन पर प्रधान की 'काली नजर' का आरोप
ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे किसानों को आपत्ति दर्ज करने के लिए कह रहे हैं, जिसके बाद लंबी कानूनी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जबकि उनकी मांग सीधे तौर पर नक्शा 23 को रद्द कर दोबारा चकबंदी प्रक्रिया शुरू करने की है।
किसान मजदूर संगठन के युवा जिला अध्यक्ष बिल्लू राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि दूधली गांव में चकबंदी के लिए जो नक्शा 23 दिया गया है, उससे 90% किसान संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के 'हवाई चक' काट दिए गए हैं। किसानों की जमीन की वैल्यू सही नहीं लगाई गई है। एक-एक किसान के 5-6 चक काट दिए गए हैं।
बिल्लू राणा ने चेतावनी देते हुए कहा कि चकबंदी किसानों की संतुष्टि के लिए हुई थी, लेकिन इसमें कोई काम नहीं हो पा रहा है, इसलिए जब तक नक्शा 23 रद्द नहीं होगा, उनका धरना चलता रहेगा।
चरथावल थाना क्षेत्र के गांव दूधली निवासी विधवा महिला ममतेश, पत्नी स्वर्गीय मुकेश, ने चकबंदी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
महिला ने आरोप लगाया कि उसकी मूल जोत काली सड़क पर थी, लेकिन अधिकारियों ने मौजूदा ग्राम प्रधान से साठ-गांठ कर उसकी 8 बीघा जमीन पर प्रधान का चक काट दिया है। महिला की जमीन के बदले उसे 'हवाई चक' (दूरस्थ या अनुपयोगी स्थान पर) काट कर दे दिए गए हैं।
पीड़िता ममतेश ने आरोप लगाया कि मौजूदा ग्राम प्रधान की 'काली नजर' उसकी जमीन पर है और वह उस जमीन पर मैरिज हॉल बनाना चाहते हैं। महिला ने अधिकारियों से गुहार लगाई है कि उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं और उस जमीन से ही उनका पालन-पोषण होता है। वह अपनी जमीन किसी और को नहीं देना चाहती हैं।
