आजम खान ने अखिलेश से की मुलाकात: बोले- "क्या बात हुई नहीं बताऊंगा"; सपा प्रमुख ने किया भावुक पोस्ट
मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब हुए आजम खान अपने पुराने तेवर में दिखे। काला चश्मा लगाए आजम ने विरोधियों को कड़ा संदेश दिया और कहा कि अखिलेश बिहार चुनाव में मशरूफ (व्यस्त) हैं। मैं अपनी दास्तां लेकर उनके पास आया था। अपना दर्द बयां किया। मुझ पर जो गुजरी वह बताने आया था।" "हमारे बीच क्या-क्या बातें हुईं, यह नहीं बता पाऊंगा।" उन्होंने कहा कि उनका उस घर (मुलायम परिवार) से 50 सालों का रिश्ता है, और इस रिश्ते को टूटने में सदियाँ लगेंगी। "हमारा तो नस्ल दर नस्ल वास्ता है। उसमें कहीं जंग आने लगती है तो मैं तो खुद ही साफ कर लेता हूं, किसी की जरूरत नहीं है।" "जब सबकुछ सह लिया तो उन्हें (अखिलेश) क्यों छोड़ दें।" उन्होंने कहा कि हालात जरूर बदलेंगे। यहां आने की असल मंशा यह साबित करना था कि इतना जुल्म सहने के बावजूद धरती पर कुछ लोग जिंदा हैं, जिनकी 'कुवत-ए-बर्दाश्त' (सहनशक्ति) किसी पत्थर या पहाड़ से ज्यादा है।
आजम खान ने आईटी विभाग की छापेमारी का जिक्र करते हुए कहा कि उनके घर पर छापा पड़ा तब दो फीट पानी भरा था। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "मेरा आपसे वादा है कि जब तक मेरे समाज के हर घर में जनरेटर नहीं हो जाएगा, मैं जनरेटर नहीं लगवाऊंगा।"
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक भावुक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा "न जाने कितनी यादें संग ले आए, जब वो आज हमारे घर पर आए! ये जो मेलमिलाप है, यही हमारी साझा विरासत है।" मुलाकात के दौरान अखिलेश यादव, आजम खान और अब्दुल्ला आजम के साथ मुलायम सिंह यादव भी मौजूद थे।
आजम ने तेजस्वी यादव द्वारा ओवैसी को एक्सट्रीमिस्ट नेता कहे जाने पर कहा कि सभी को मेरे अंजाम से सबक लेना चाहिए। सक्रिय होने के सवाल पर उन्होंने कहा, "क्या मैं दंगल सजाऊं। दंगल में हर पहलवान जीतने के लिए उतरता है। हम कहीं दूर खड़े हैं। अब देखना होगा कि लंगोट पहनकर उतरते हैं या बिना लंगोट के।" इससे 30 दिन पहले 9 अक्टूबर को अखिलेश यादव उनसे मुलाकात करने रामपुर पहुंचे थे, जहां दोनों के बीच बंद कमरे में दो घंटे तक बात हुई थी। तब अखिलेश ने आजम को पार्टी का 'दरख्त' (पेड़) बताया था।
