'क्या 4 लाख रुपये महीने काफी नहीं?', गुजारा भत्ता मामले में शमी की पत्नी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी और उनकी अलग रह रही पत्नी हसीन जहां के बीच मासिक गुजारा भत्ता (Maintenance) को लेकर चल रहे कानूनी विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। हसीन जहां द्वारा गुजारा भत्ता की राशि बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मौखिक रूप से फटकार लगाई है।
10 लाख की मांग पर कोर्ट का सवाल
हसीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गुजारा भत्ता की राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति माह करने की मांग की थी। इस पर सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हसीन जहां से सीधा सवाल किया।
कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि "क्या 4 लाख रुपये प्रति माह पहले से ही बहुत ज्यादा पैसा नहीं है, जो आप 10 लाख रुपये की मांग कर रही हैं?"
दरअसल, कलकत्ता हाई कोर्ट ने मोहम्मद शमी को अपनी पत्नी और बेटी के लिए कुल 4 लाख रुपये प्रति माह (पत्नी के लिए ₹1.5 लाख और बेटी के लिए ₹2.5 लाख) का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। हसीन जहां ने इसी राशि को कम बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
अगली सुनवाई दिसंबर में
अपनी याचिका में हसीन जहां ने तर्क दिया है कि मोहम्मद शमी की कमाई और शानदार जीवनशैली को देखते हुए, उन्हें दी जा रही 4 लाख रुपये की राशि पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि पति की आलीशान जीवनशैली के अनुसार पत्नी और बच्चों को भी वही स्टेटस बनाए रखने का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मोहम्मद शमी और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों से चार हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब दिसंबर में होगी।
मोहम्मद शमी और हसीन जहां की शादी 2014 में हुई थी और दोनों 2018 में अलग हो गए थे। दोनों के बीच कानूनी लड़ाई पिछले सात साल से चल रही है।
