नोएडा। छात्रों को आक्यूपेशनल थिरेपी के क्षेत्र में हो रही आधुनिक प्रगति की जानकारी देने और स्वास्थय सेवा में व्यावसायिक चिकित्सा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आज एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ हैल्थ एलाइड साइंसेस के आक्यूपेशनल थिरेपी विभाग द्वारा विश्व आक्यूपेशनल थिरेपी दिवस 2025 मनाया गया।
इस अवसर पर गोविंद वल्लभ पंत अस्पताल नई दिल्ली की पूर्व वरिष्ठ आक्यूपेशनल थिरेपीस्ट डा तरूणा माथुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान की आक्यूपेशनल थिरेपी विभाग की प्रमुख डा मधुचंदा मोहंती, एमिटी विश्वविद्यालय के हैल्थ एंड एलाइड सांइसेस के डीन डा. बीसी दास, एमिटी फांउडेशन फॉर डेवलपमेंटल डिस्एबिलिटिस के उपाध्यक्ष डा. एसके श्रीवास्तव और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ हैल्थ एलाइड साइंसेस के निदेशक डा. जसोबंता सेठी द्वारा छात्रों को जानाकरी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के दौरान डा तरूणा माथुर ने कहा कि हमारा प्रदर्शन, सहानुभूति के साथ विज्ञान है, समग्र स्वास्थय लाभ ही लक्ष्य है। हम रोगियों को उनकी पूर्ण क्षमता के साथ जीने के लिए प्रेरित करते है। डा. माथुर ने कहा कि ग्राहक केंद्रित प्रदर्शन, आक्यूपेशनल थिरेपी के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है जो स्वास्थ्य की नींव, गरिमा और प्रसन्नता को बढ़ाता है। व्यावसायिक चिकित्सक स्वायत्त स्वास्थ्य पेशेवर होते हैं जो जीवन को मूल्य और अर्थ प्रदान करने वाले व्यवसायों में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परिस्थितियों में व्यक्तियों, समूहों और समुदायों के साथ काम करते हैं।
डा मधुचंदा मोहंती ने कहा कि आक्यूपेशनल थिरेपी क्षेत्र बहुआयामी क्षेत्र आधारित विषय है। चाहे व्यक्ति की परिस्थितियां कैसी भी हों, व्यावसायिक चिकित्सक का उद्देश्य व्यक्ति के दैनिक कार्यों या अन्य गतिविधियों को करने में आत्मविश्वास और स्वतंत्रता का विकास करना होता है इसलिए आपको सहानुभूतिशील होना ही चाहिए।
डा. बीसी दास ने कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय में हम छात्रों को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार करते है और राष्ट्र निर्माण में समग्र स्वास्थ्य बेहद महत्वपूर्ण है जो आपकी भूमिका को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। विश्व व्यावसायिक चिकित्सक दिवस जीवन की गुणवत्ता में सुधार और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में व्यावसायिक चिकित्सा के महत्व को दर्शाता है। उन्होनें छात्रों से कहा कि नई तकनीकी विकसित करे जो रोगीयों को शीघ्र ठीक होने में सहायता करें।
इस कार्यक्रम के तकनीकी सत्र के अंर्तगत गोविंद वल्लभ पंत अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ आक्यूपेशनल थिरेपीस्ट डा. नीरज मिश्रा, मणिपाल अस्पताल के वरिष्ठ आक्यूपेशनल थिरेपीस्ट डा. हितेश गुप्ता ने व्याख्यान दिया।
बता दें कि विश्व व्यावसायिक चिकित्सा दिवस (World Occupational Therapy Day) हर साल 27 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य व्यावसायिक चिकित्सा पेशे को बढ़ावा देना और इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह पहली बार 2010 में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी (WFOT) द्वारा शुरू किया गया था।