राहुल की यात्रा में पहुंचे अखिलेश, तेजस्वी को गले लगाया,खुली जीप में किया रोड शो, बोले- भाजपा की हार, लिखेगा बिहार

बिहार। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में हिस्सा लिया और बिहार में भाजपा के खिलाफ जमकर हमला बोला। इस दौरान वह खुली जीप में रोड शो करते हुए बिहार की जनता से रुबरु हुए। उनके साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव की बेटी रोहिणी यादव भी यात्रा में शामिल थीं।
भाजपा को दी चेतावनी
अखिलेश यादव ने यात्रा के दौरान भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा, "इस बार भाजपा बिहार से बाहर होने जा रही है," और आरोप लगाया कि भाजपा ने संविधान के अधिकारों का उल्लंघन किया है। उन्होंने चुनाव आयोग को भी भाजपा का "जुगाड़ आयोग" करार दिया, जो उनके हिसाब से भाजपा की सरकार के पक्ष में काम कर रहा है। अखिलेश ने कहा कि यूपी और बिहार से लोग पलायन कर रहे हैं और इसे रोकने के लिए तेजस्वी यादव ने बिहार में लाखों नौकरियां दी हैं।
बिहार की जनता का भरोसा
अखिलेश ने कहा कि बिहार की जनता अब भाजपा की नीतियों से थक चुकी है और इस बार वह चुनावों में भाजपा को हराने का काम करेगी। उन्होंने बिहार की जनता से अपील की कि वे अपने वोट के अधिकार को समझें और भाजपा को बाहर करने में मदद करें।
यूपी के मुख्यमंत्री पर हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां पर की गई अभद्र टिप्पणी पर अखिलेश ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, "क्या आपने यूपी के मुख्यमंत्री को नहीं सुना? भाजपा हर किसी का अपमान करती है। क्या वोट का अधिकार छीनना अपमान नहीं है?" इसके अलावा, उन्होंने भाजपा नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ पर कुछ नहीं कहना चाहिए था।
पांच हजार साल से चल रही लड़ाई
अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, "जो हमें और आपको डरा रहे हैं, वे आजकल ट्रंप से डर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि भाजपा बिहार की जनता से वोट, राशन और नौकरी का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है, और यह लड़ाई पांच हजार साल से चल रहे भेदभाव और अन्याय के खिलाफ अब भी जारी है।
अखिलेश की यात्रा में शामिल होने के मायने
वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र कुमार के अनुसार, अखिलेश यादव का राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होना इंडिया गठबंधन को मजबूती देने वाला कदम है। यह पीडीए (प्रचारित लोकतांत्रिक गठबंधन) के फॉर्मूले को और मजबूत करेगा और समाजवादी पार्टी को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी एक नई ताकत मिलेगी।