अमानगढ़ टाइगर रिजर्व छोड़ गन्ने के खेतों में पहुंचे गुलदार, पानी और शिकार के लालच में गांवों के करीब

Bijnor News: गुलदारों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। कभी खेतों में तो कभी गांवों के किनारे दिखाई देने वाले गुलदार अब लोगों और मवेशियों पर हमले कर रहे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की टीम के सर्वे में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि गुलदार नदियों और नहरों के किनारे बसे खेतों को स्थायी ठिकाना बना रहे हैं। यहां उन्हें एक साथ पानी और शिकार दोनों मिल जाते हैं।
बारिश में और करीब आए जंगल के शिकारी
टाइगर रिजर्व छोड़ गन्ने के खेतों की ओर रुख
विशेषज्ञों के अनुसार, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों के दबाव के कारण गुलदारों ने जंगल छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने गन्ने के खेतों को ठिकाना बनाया। गन्ने के ऊंचे-घने खेत गुलदारों को छिपने का बेहतरीन अवसर देते हैं। यहां उन्हें चुनौती भी नहीं मिलती और शिकार भी पास ही मिल जाता है।
आसान शिकार: बेसहारा गोवंशी बने पहली पसंद
कुछ वर्षों पहले तक गांवों और खेतों में बड़ी संख्या में बेसहारा गोवंशी घूमते थे। गुलदारों ने इन्हें आसान शिकार बनाया। रात को जब ये गोवंशी गांवों में जाते, तो गुलदार भी उनके पीछे गांव तक पहुंच जाते। इस प्रक्रिया में गुलदार धीरे-धीरे इंसानों के करीब आने लगे और डर भी खत्म होने लगा।
अब कुत्ते और मवेशी गुलदार की जद में
जब खेतों और गांवों में गोवंशी कम हो गए, तो गुलदारों ने अन्य विकल्प तलाशे। सबसे पहले गांवों के कुत्ते उनकी शिकार सूची में आए। इसके बाद मवेशियों पर हमले तेज हुए। कई बार गुलदार इंसानों पर भी हमला करने से पीछे नहीं हटे। यह घटनाएं ग्रामीणों में गहरी दहशत पैदा कर रही हैं।
पानी के पास रहने की मजबूरी
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि गुलदार शिकार का पीछा करने में जल्दी थक जाते हैं और उनका शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें आराम और पानी की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि वे जल स्त्रोतों जैसे नदी, नहर या तालाब के आसपास रहना पसंद करते हैं। इन इलाकों में आने वाले वन्यजीव भी उनके लिए आसान शिकार साबित होते हैं।
वन विभाग की सतर्कता और किसानों के लिए सलाह
ज्ञान सिंह, सहायक वन संरक्षक का कहना है कि गुलदारों को पकड़ने के लिए अभियान लगातार चलाया जा रहा है। किसानों को सतर्क रहने और खेतों में सावधानी से काम करने की सलाह दी जा रही है। वन विभाग की टीमें लगातार निगरानी में लगी हैं ताकि इंसानों पर हमले रोके जा सकें और गुलदारों को सुरक्षित पकड़ा जा सके।