कोतवाल ने प्रभारी मंत्री व बीजेपी MLA से की 'बदतमीजी', मंत्री ने लिखी DGP को चिट्ठी, हो गई वायरल, हटे कोतवाल

झांसी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री बेबी रानी मौर्य का डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को लिखा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होते ही झांसी पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पत्र में सीपरी बाजार थाना प्रभारी आनंद सिंह पर विधायक बबीना राजीव सिंह परीछा के खिलाफ अभद्र भाषा बोलने और मंत्री के सामने भी अमर्यादित आचरण करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। मामला उजागर होते ही आनन्द सिंह को कोतवाली से हटाकर एएचटीयू (Anti Human Trafficking Unit) में भेज दिया गया और विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
विधायक की शिकायत पर मंत्री ने आनन्द सिंह को बुलाकर पूछताछ की, लेकिन तब भी थाना प्रभारी ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया। मंत्री ने फौरन टोकते हुए पूछा कि जनप्रतिनिधियों के प्रति यह रवैया क्यों है और यह भाषा किसके लिए प्रयोग हो रही है। लेकिन आनंद सिंह का व्यवहार लगातार असम्मानजनक बना रहा।
इसके बाद विधायक राजीव सिंह ने 10 सितंबर को लिखे अपने पत्र में आनन्द सिंह को तत्काल निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू करने और यहां तक कि बर्खास्त करने तक की मांग की। इसी आधार पर मंत्री बेबी रानी मौर्य ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को लिखे पत्र में थाना प्रभारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति की।
पत्र वायरल होते ही पुलिस विभाग में हलचल मच गई। आलाधिकारियों ने आनन्द सिंह के आचरण को गंभीर मानते हुए देर शाम आदेश जारी कर दिए। पुलिस महानिरीक्षक ने पूरे मामले का संज्ञान लिया और पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को प्रारंभिक जांच सौंप दी। साथ ही आनन्द सिंह का स्थानांतरण सीपरी बाजार थाने से कर दिया गया और उन्हें प्रभारी एएचटीयू बनाया गया।
अब सबकी निगाहें विभागीय जांच पर टिकी हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या आनन्द सिंह पर निलंबन और बर्खास्तगी की कार्यवाही भी होगी या तबादले के बाद मामला ठंडा पड़ जाएगा। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पत्र ने न सिर्फ पुलिस विभाग बल्कि सत्ता गलियारों में भी हलचल मचा दी है।
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