मुजफ्फरनगर में भड़काऊ वीडियो वायरल करने के मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज

मुजफ्फरनगर।
कांवड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश से जुड़े एक अहम मामले में सेशन न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। प्रभारी सेशन न्यायाधीश रविकांत ने आरोपी फुरकान की जमानत याचिका खारिज कर दी।
फर्जी वीडियो वायरल कर भड़काने की कोशिश
जांच में सामने आया कि 21 से 24 जुलाई के बीच आरोपी ने छह अलग-अलग व्हाट्सऐप ग्रुपों में यह वीडियो शेयर किया था। इन ग्रुपों में करीब 2,500 सदस्य जुड़े हुए थे।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
कोर्ट ने आदेश में कहा कि इस तरह के वीडियो से दो समुदायों के बीच भयंकर तनाव पैदा हो सकता है। ऐसी गतिविधियां समाज में गंभीर स्थिति उत्पन्न करती हैं, इसलिए आरोपी को जमानत देना उचित नहीं है।
पुलिस-एटीएस की संयुक्त निगरानी
कांवड़ यात्रा के दौरान माहौल बिगाड़ने की आशंका को देखते हुए साइबर क्राइम पुलिस और एटीएस लगातार सोशल मीडिया की निगरानी कर रहे थे। इसी दौरान 21 जुलाई को ककरौली पुलिस को विवादित वीडियो वायरल होने की सूचना मिली।
इसके बाद ककरौली थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार कर साजिश को नाकाम कर दिया। फुरकान के मोबाइल की जांच में साफ हुआ कि उसने जानबूझकर यह वीडियो विभिन्न ग्रुपों में साझा किया था।
गंभीर प्रवृत्ति का अपराध
न्यायाधीश ने कहा कि सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाली यह घटना गंभीर प्रवृत्ति का अपराध है और ऐसे मामलों में आरोपी को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती।
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