संपूर्ण बिहार में एक चरण में मतदान की तैयारी, राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग के बीच हुई अहम बैठक

Bihar News: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक दलों और अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया। इस दौरान सत्तापक्ष ने जोर देकर मांग की कि चुनाव एक ही चरण में कराया जाए। चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाने की संभावना है।
मतदाता सूची में हुए बदलाव
सत्तापक्ष ने की एक चरण में चुनाव कराने की मांग
बैठक में जदयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा, "हमने चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी है। बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी है। अगर महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो सकते हैं, तो बिहार में क्यों नहीं?"
जेडी(यू) बिहार अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि चुनाव छठ पर्व के तुरंत बाद कराए जाने चाहिए, ताकि बाहर से आने वाले मतदाता अपने वोट का प्रयोग कर सकें।
भाजपा ने पोलिंग एजेंट्स को लेकर दी चेतावनी
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बैठक के बाद कहा कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि मतदान समाप्त होने के बाद उनके पोलिंग एजेंट फॉर्म 17सी जरूर जमा करें। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के एजेंट जल्दी चले जाते हैं, जिससे आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो जाता है।
चुनाव आयोग की बैठक में शामिल अधिकारी और उद्देश्य
चुनाव आयोग ने अपने संदेश में कहा कि बैठक में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री विनोद गुंज्याल और आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक का उद्देश्य सभी दलों की राय जानना और चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना था।
NDA और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला
बिहार में मुख्य मुकाबला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच होने की संभावना है।
243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए के पास वर्तमान में 131 सीटें हैं, जिसमें भाजपा 80, जेडी(यू) 45, हम (एस) 4 और 2 निर्दलीय हैं। महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं, जिसमें आरजेडी 77, कांग्रेस 19, सीपीआई(एमएल) 11, सीपीआई(एम) 2 और सीपीआई 2 हैं।
जल्द हो सकते हैं बिहार चुनाव
चुनाव आयोग की समीक्षा और अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किसी भी समय किया जा सकता है। राजनीतिक दलों की बैठक और मतदाता सूची में बदलाव इस प्रक्रिया की तैयारियों का प्रतीक हैं।